कार्यशाला में कुपोषण दूर करने पर बल

बांका। कृषि विज्ञान केंद्र में राष्ट्रीय पोषण माह के अवसर पर सेविकाओं के लिए पोषण वाटिका एवं कृषि पोषण विषय पर एकदिवसीय कार्यशाला-सह-प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 24 Sep 2020 11:05 PM (IST) Updated:Thu, 24 Sep 2020 11:05 PM (IST)
कार्यशाला में कुपोषण दूर करने पर बल
कार्यशाला में कुपोषण दूर करने पर बल

बांका। कृषि विज्ञान केंद्र में राष्ट्रीय पोषण माह के अवसर पर सेविकाओं के लिए पोषण वाटिका एवं कृषि पोषण विषय पर एकदिवसीय कार्यशाला-सह-प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मौके पर वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान डॉ. मुनेश्वर प्रसाद ने कहा कि कुपोषण की समस्या से निजात दिलाने के उद्देश्य से पूरे देश में इस मुहिम को चलाया जा रहा है।

आंगनबाड़ी केंद्र में यदि थोड़ा सा प्रयास कर के आसपास की जमीन को किचेन गार्डेन के रूप में विकसित कर जैविक तरीके से हरी सब्जी का उत्पादन करा लें। बच्चों को दिये जाने वाले पोषाहार में इसका उपयोग करें तो बच्चों को काफी हद तक कुपोषण से बचाने में काफी मदद मिल सकती है। आइसीडीएस के डीपीओ रिफत अंसारी ने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्र का मुख्य उद्देश्य ही बच्चों में मानक पोषण स्तर को बनाये रखना है। जैसे- गर्भवती स्त्री एवं गर्भ में पल रहे बच्चों के पोषण को बनाये रखना, बच्चे को नियमित रुप से वजन लेना, साफ-सफाई का ध्यान रखना है। कार्यशाला में मौसम विज्ञानी जुबुली साहू ने जलवायु के अनुकूल फसल प्रणाली द्वारा पोषण प्रबंधन के बारे में बताया। साथ ही जैविक खेती अपनाने और जीवाणु खाद का उपयोग पोषण वाटिका में करके पौष्टिक सब्जी उगाने के तरीके के बारे में बताया। टीए श्वेता कुमारी ने बताया कि सूक्ष्म पोषक तत्वों की मात्रा सामान्य किस्मों से अधिक होती है, जिससे कि सब्जियों एवं फसलों में पोषक तत्व की मात्रा को सस्ते एवं सरल तरीके से बढ़ाया जा सकता है। यंग प्रोफेशनल जुलियस मुन्ना ने भी कुपोषण को कम करने पर बल दिया।

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