ग्रामीणों को टीकाकरण के लिए सुरक्षा प्रहरी आरेफा कर रही हैं जागरूक

पूर्णिया। कोरोना वैक्सीन को लेकर ग्रामीणों में अभी भी दुविधा है। टीका ही संक्रमण से सुरक्षित रहने का एकमात्र विकल्प है। ग्रामीणों के बीच दुविधा व भ्रम को आरेफा खातून सुरक्षा प्रहरी दूर कर रही है। आरेफा की मेहनत का यह नतीजा रहा कि जिले के बायसी प्रखंड चोपड़ा पंचायत अंतर्गत लगभग दो हजार लोगों की जनसंख्या वाले अल्पसंख्यक समुदाय के गांव गुड़िहाल में लगभग सभी लोगों टीकाकरण करवा लिया है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 12:09 AM (IST) Updated:Tue, 27 Jul 2021 12:09 AM (IST)
ग्रामीणों को टीकाकरण के लिए सुरक्षा प्रहरी आरेफा कर रही हैं जागरूक
ग्रामीणों को टीकाकरण के लिए सुरक्षा प्रहरी आरेफा कर रही हैं जागरूक

पूर्णिया। कोरोना वैक्सीन को लेकर ग्रामीणों में अभी भी दुविधा है। टीका ही संक्रमण से सुरक्षित रहने का एकमात्र विकल्प है। ग्रामीणों के बीच दुविधा व भ्रम को आरेफा खातून सुरक्षा प्रहरी दूर कर रही है। आरेफा की मेहनत का यह नतीजा रहा कि जिले के बायसी प्रखंड, चोपड़ा पंचायत अंतर्गत लगभग दो हजार लोगों की जनसंख्या वाले अल्पसंख्यक समुदाय के गांव गुड़िहाल में लगभग सभी लोगों टीकाकरण करवा लिया है। सही जानकारी लोगों को टीकाकरण में लाया आगे आरेफा खातून ने बताया कि प्रखंड स्तर पर लोगों तक सही जानकारी नहीं पहुंच रही है। ज्यादातर लोग अशिक्षित हैं। आरेफा खातून ने बताया मैंने लोगों को जागरूक करने के लिए उनके बीच छोटी-छोटी बैठकें आयोजित की जिसमें महिला, पुरुष, बुजुर्ग सभी को शामिल किया। टीका लगाने के लिए राजी होने के बाद उन्हें टीकाकरण केंद्र लेकर गई। स्वयं टीका लगवा कर जगाया विश्वास स्थानीय गुड़िहाल के निवासी 50 वर्षीय इरफान ने बताया टीका लगाने के लिए बिल्कुल तैयार नहीं था। आरेफा ने टीका लगाने से होने वाले फायदों की जानकारी दी। मना करने पर आरेफा प्रतिदिन घर आकर समझाने का प्रयास करती थी। उसके बाद वह टीका लगाने के लिए तैयार हुए। टीका लगाने के बाद किसी तरह की परेशानी नहीं हुई। फिर अन्य लोग भी तैयार हुए। अकले हुई शुरुआत अब बन गई है टीम आरेफा खातून ने बताया कि गांव में अकेले लोगों को टीकाकरण के लिए जागरूक करने का बीड़ा उठाया था। लोगों को टीकाकरण केंद्र तक लेकर जाती थी। कुछ लोगों का टीका लगाने के बाद कोई परेशानी नहीं होने के बाद अन्य लोग भी टीकाकरण में शामिल होने लगे। इसके साथ ही टीका लगा चुके लोग अपने आसपास के लोगों को टीकाकरण के लिए जागरूक करने लगे। इसका यह नतीजा रहा कि गांव के अधिकतर लोगों द्वारा टीका लगवा लिया गया है। पहला डोज ले चुके लोग अब अपने दूसरे डोज के लिए भी तैयार हैं। आसपास के अन्य क्षेत्रों में भी लोगों को जागरूक करने का प्रयास कर रही है। जिससे कि सभी लोग टीका लगा सकें। आरेफा अब ग्रामीणों के बीच अन्य महिला और पुरूष के लिए मिसाल बन गई है।

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