मेहनत के साथ छात्रों के अरमानों पर फिरा पानी

कोरोना काल में सबसे ज्यादा शिक्षा व्यवस्था पर असर पड़ा है। दहलीज पर खड़ी सीबीएसई दसवीं की परीक्षा रद कर दी गई।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 16 Apr 2021 04:29 PM (IST) Updated:Fri, 16 Apr 2021 04:29 PM (IST)
मेहनत के साथ छात्रों के अरमानों पर फिरा पानी
मेहनत के साथ छात्रों के अरमानों पर फिरा पानी

औरंगाबाद। कोरोना काल में सबसे ज्यादा शिक्षा व्यवस्था पर असर पड़ा है। दहलीज पर खड़ी सीबीएसई दसवीं की परीक्षा रद कर दी गई। इससे छात्रों कीमेहनत के साथ-साथ अरमानों पर पर भी पानी फिर गया है। अभिभावक भी अपने बच्चों की पढ़ाई लिखाई को लेकर काफी चितित होने लगे है। सरकार कोरोना महामारी को लेकर सीबीएसइ की परीक्षा रद्द कर दी है। जागरण टीम ने शुक्रवार को शहर के जसोईया मोड़ स्थित लार्ड बुद्धा पब्लिक स्कूल के छात्र-छात्राओं से बातचीत की। परीक्षा रद्द होने से छात्रों में मायूषी दिखी। छात्र-छात्राओं का कहना था कि परीक्षा को लेकर हमलोगों ने काफी मेहनत की थी। परंतु सभी कुछ व्यर्थ हो गया। सरकार के इस निर्णय के कुछ लोग सही तो कुछ लोग गलत बताने में जुटे हैं। सरकार का यह निर्णय प्रतिभाशाली बच्चों के कैरियर से खिलवाड़ के सिवा और कुछ नहीं है। ऐसे बच्चों में इसके लेकर भारी आक्रोश नजर आ रहा है। उनका कहना है कि सरकार को परीक्षा नहीं रद्द करनी चाहिए थी। सरकार कोई और इंतजाम करती, लेकिन परीक्षा जरूर लेनी चाहिए थी। -----------------------

फोटो - 16 एयूआर 12

कोविड का डर था तो सरकार को सेंटर बढ़ा देना चाहिए था। एक बेंच पर एक परीक्षार्थी परीक्षा देता। इससे संक्रमण फैलने का भी खतरा नहीं रहता। परीक्षा भी हो जाती। हमलोग का मेहनत सार्थक हो जाता।

रागिनी कुमारी, छात्रा, दसवीं, एलबीपीएस, औरंगाबाद।

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यह तो परीक्षा भवन में जाकर बिना परीक्षा दिए लौटने जैसा हो गया। इससे हमारी काबलियत का पता कहां चल पाएगा। इसलिए परीक्षा कोरोना से बचने के विशेष व्यवस्थाओं के अंतर्गत होनी चाहिए थी।

हिमांशु शेखर, छात्र, दसवीं, एलबीपीएस, औरंगाबाद। ------------------

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परीक्षा नहीं कराने का सरकार का निर्णय बेहद गलत है। यह कैरियर के साथ खिलवाड़ के सिवा कुछ नहीं है। कोरोना काल में छात्र-छात्राओं को सबसे ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ा है।

शिवम कुमार, छात्र, दसवीं, एलबीपीएस, औरंगाबाद। -----------------------

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माना कि इंटरनल असेसमेंट से हम सभी पास हो जाएंगे, लेकिन परीक्षा देकर जो नंबर आते वह इसमें कहां मिल पाएगा। इसमें सरकार को कोई उचित निर्णय लेना चाहिए था, जिससे हमारी परीक्षा हो सके।

रंजन कुमार, छात्र, दसवीं, एलबीपीएस, औरंगाबाद। -------------------------

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कोरोना में जब चुनाव कराया जा सकता है तो फिर परीक्षा क्यों रद कर दिया गया। इसकी भी तो व्यवस्था की जा सकती थी। सरकार हम छात्रों के साथ नाइंसाफी कर है। इससे हमारा भविष्य संकट में आएगा।

हनी कुमारी, छात्रा, दसवीं, एलबीपीएस, औरंगाबाद।

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फोटो - 16 एयूआर 17

परीक्षा के ऐन वक्त पर परीक्षा नहीं कराने का सरकार का यह निर्णय बिल्कुल गलत है। सरकार ने हमारी मेहनत पर पानी फेर दिया। हमलोगों का भविष्य अंधकारमय हो गया है। अभिभावक भी चिंतित हैं।

मनताशा वसी, छात्रा, दसवीं, एलबीपीएस, औरंगाबाद।

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काफी मेहनत से बच्चों को परीक्षा की तैयारी कराई गई थी। सरकार का यह फैसला समक्ष से परे है। अचानक परीक्षा रद होने से छात्रों के भविष्य पर काफी असर पड़ेगा।

डॉ. धनंजय कुमार, निदेशक, लॉर्ड बुद्धा पब्लिक स्कूल

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