रोहणी नक्षत्र समाप्त होने के बाद नहर में पहुंचा पानी

कृषि कार्य शुरू करने का वक्त आ गया है। खरीफ फसलों की बोआई के लिए बीज डालने का समय है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 09 Jun 2021 05:01 PM (IST) Updated:Wed, 09 Jun 2021 05:01 PM (IST)
रोहणी नक्षत्र समाप्त होने के बाद नहर में पहुंचा पानी
रोहणी नक्षत्र समाप्त होने के बाद नहर में पहुंचा पानी

संवाद सहयोगी, दाउदनगर (औरंगाबाद) : कृषि कार्य शुरू करने का वक्त आ गया है। खरीफ फसलों को बोने का मौसम है। रोहणी नक्षत्र 25 मई को शुरू हुआ था। बीते मंगलवार की सुबह 6.40 बजे समाप्त हो गया। अब मृगडाह या मृगशिरा नक्षत्र शुरू हो गया है।

नहरों में इंद्रपुरी बराज से पानी छोड़ा गया है। पूर्वी कैनाल अर्थात इंद्रपुरी से बारुण-डीहरा-दाउदनगर होते हुए पटना जाने वाले मुख्य नहर में 1154 क्यूसेक जल मंगलवार को छोड़ा गया है। अभी किसानों को कृषि कार्य के लिए पानी की काफी जरूरत है। जदयू के किसान प्रकोष्ठ के नेता रहे अभय चंद्रवंशी, खैरा निवासी किसान श्रीमन्नारायण, राष्ट्रीय किसान संगठन के दाउदनगर अध्यक्ष नागेंद्र सिंह ने बताया कि धान का बीज बोने का यह उत्तम वक्त है। नहर में पानी आने से कृषि कार्य प्रारंभ होगा। पानी आने के बाद किसानों को धान का बीज बोने के लिए आवश्यक पटवन के लिए पानी उपलब्ध होगा। कीड़े-मकोड़े कम लगेंगे: नागेंद्र

किसान नेता नागेंद्र सिंह ने बताया कि कृषि के लिए रोहणी नक्षत्र बढि़या माना जाता है। इस समय जो बीज तैयार होता है, उसमें कीड़े-मकोड़े कम लगते हैं। धान पुष्ट होता है। खखरी कम होता है। किसान के लिए यह बेहतर वक्त है। ऐसे में पानी उपलब्ध होना महत्वपूर्ण है। मृगडाह में सबसे अधिक तैयार होता है बीज: श्रीमन्नारायण

किसान श्रीमन्नारायण ने बताया कि रोहिणी नक्षत्र में बीज बोने का काम 25 प्रतिशत भी किसान नहीं कर पाते। मृगडाह में सबसे अधिक बीज बोया जाता है। फिर इसके बाद आद्रा नक्षत्र में, धान का बीज बोने का काम काम पूरा कर लिया जाता है। पानी की जरूरत इस समय किसानों को पड़ती है।

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- इंद्रपुरी बराज से नहरों के लिए छोड़ा गया पानी, खरीफ फसलों की बोआई का मौसम प्रारंभ, धान का बीज बोने का अभी है उत्तम समय

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