पुनपुन नदी घाट पर ¨पडदान करने कई राज्यों से पहुंचे श्रद्धालु

औरंगाबाद। मोक्षभूमी गया में पितृपक्ष मेला शुरू होते ही पुनपुन नदी का महत्व बढ़ जाता है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 23 Sep 2018 08:13 PM (IST) Updated:Sun, 23 Sep 2018 08:13 PM (IST)
पुनपुन नदी घाट पर ¨पडदान करने कई राज्यों से पहुंचे श्रद्धालु
पुनपुन नदी घाट पर ¨पडदान करने कई राज्यों से पहुंचे श्रद्धालु

औरंगाबाद। मोक्षभूमी गया में पितृपक्ष मेला शुरू होते ही पुनपुन नदी का महत्व बढ़ जाता है। रविवार को जिले के पुनपुन नदी घाट पर ¨पडदान करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ रही। बारुण के सीरिस एवं जम्होर के अनुग्रह नारायण रोड पुनपुन नदी घाट पर पितरों की मोक्ष की कामना के लिए कई राज्यों से पहुंचे श्रद्धालुओं ने ¨पडदान किया। पूरे दिन घाट पर श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही। श्रद्धालु नदी में स्नान करने के बाद पितरों को ¨पडदान किया। श्रद्धालुओं के साथ पहुंचे पंडा के अलावा स्थानीय पंडितों ने श्रद्धालुओं को कुश, तिल, दूध समेत अन्य सामग्रियों से मंत्रोच्चार के साथ ¨पडदान कराया। छत्तीसगढ़ राज्य के विलासपुर जिले के पेंड्रा से ¨पडदान करने पहुंचे रामस्वरुप जालान, मुकेश जालान, प्रभुलाल जालान, विकास जलान ने बताया कि उनका सभी परिवार यूपी के इलाहाबाद, वाराणसी में ¨पडदान करने के बाद यहां पुनपुन नदी में ¨पडदान करने पहुंचा है। यहां के बाद गया में ¨पडदान करेंगे। श्रद्धालुओं ने बताया कि पुनपुन में पहला ¨पडदान करने का महत्व है। छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर के पहुंचे जनकलाल अग्रवाल, चंद्रकांता अग्रवाल, विनय अग्रवाल ने बताया कि वे सभी अपने पूर्वजों के मोक्ष के लिए गया के विष्णुपद में ¨पडदान करने के पूर्व पुनपुन नदी में पहला ¨पडदान करने पहुंचे हैं। इसके पहले यूपी के इलाहाबाद एवं वाराणसी में ¨पडदान कर यहां पहुंचे हैं। यहां के बाद गयाजी में ¨पडदान करेंगे। कानपुर से पहुंचे अनूप दीक्षित, यूपी के हसीमपुर जिले के सुमैरपुर से ¨पडदान करने पहुंचे बब्बू दीक्षित ने बताया कि उनका सभी परिवार ¨पडदान करने पहुंचे हैं। श्रद्धालुओं ने कहा कि पुनपुन नदी में ¨पडदान किए बिना पूर्वजों को मोक्ष नहीं मिलती है। श्रद्धालुओं ने कहा कि नदी में पक्का घाट नहीं होने से स्नान करने व ¨पडदान करने में परेशानी हो रही है। श्रद्धालुओं ने पेयजल की समस्या को बताया। कहा कि सरकार को इस जगह को विकसित करने की जरुरत है। सिरिस में ¨पडदान करा रहे पंडित ओमप्रकाश त्रिपाठी ने कहा कि 23 सितंबर से 8 अक्टूबर तक पुनपुन नदी में ¨पडदान का कार्यक्रम चलेगा। यहां देश के कई राज्यों से श्रद्धालु हर वर्ष ¨पडदान करने पहुंचते हैं। विदेशी श्रद्धालु भी आते हैं। जीटी रोड के रास्ते जो भी श्रद्धालु गया में ¨पडदान करने जाते हैं वे यहां पुनपुन घाट पर पहला ¨पडदान करते हैं। कहा कि यहां नदी में घाट की व्यवस्था नहीं होने के कारण श्रद्धालुओं को परेशानी होती है। थानाध्यक्ष नरोत्तमचंद्र ने बताया कि श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए घाट पर चौकीदार की तैनाती की गई है। नदी में पानी के तेज बहाव को देखते हुए सुरक्षा को लेकर बांस लगाने का निर्देश घाट संचालक को दिया गया है।

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