रामनवमी पर कहीं भीड़ तो कहीं सन्नाटा

चैत्र नवरात्र का व्रत संपन्न हो गया। कोरोना संकट के बीच व्रत का यह दूसरा अवसर था।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 21 Apr 2021 04:32 PM (IST) Updated:Wed, 21 Apr 2021 04:32 PM (IST)
रामनवमी पर कहीं भीड़ तो कहीं सन्नाटा
रामनवमी पर कहीं भीड़ तो कहीं सन्नाटा

दाउदनगर (औरंगाबाद) : चैत्र नवरात्र का व्रत संपन्न हो गया। कोरोना संकट के बीच व्रत का यह दूसरा अवसर था। पिछले साल भी नवरात्र लॉकडाउन के वक्त था। इस बार तब हुआ जब मंदिरों में आम लोगों के प्रवेश पर प्रतिबंध है। बाजार स्थित मुख्य श्री हनुमान मंदिर में ताला बंद रहा, लेकिन श्रद्धालु पहुंचे। बंद मंदिर के दरवाजे पर ही पूजा किया।

पूजा व्यवस्थापक पप्पू कुमार गुप्ता के अनुसार रामनवमी के अवसर पर पूजा करने इस मंदिर में जितने श्रद्धालु आते थे, उसकी अपेक्षा एक प्रतिशत भी नहीं आए। इक्का-दुक्का श्रद्धालु चैनल गेट के दरवाजे पर पहुंचे। वहीं से पूजा कर लौट गए। पचकठवा देवी मंदिर पर श्रद्धालुओं की काफी भीड़ देखी गई। यहां कोरोना गाइडलाइन के तमाम दिशा-निर्देशों की धज्जियां उड़ती देखी गई। बेपरवाह श्रद्धालु दो गज की दूरी कौन कहे 2 इंच की भी दूरी एक दूसरे के बीच नहीं रख सके। काफी घरों में नवरात्र का व्रत किया गया। कुमारी नौ कन्याओं की पूजा की गई। उन्हें भोजन कराया गया। पूर्व में जिस तरह की रामनवमी का भव्य आयोजन हुआ करता था, पिछले वर्ष की तरह इस बार भी वैसा कुछ भी नहीं हुआ। महत्वपूर्ण है कि नवरात्र में कन्या पूजन का बड़ा महत्व है। नौ कन्याओं को नौ देवियों के प्रतिबिब के रूप में पूजने के बाद ही भक्तों का नवरात्र व्रत पूरा हुआ माना जाता है। अपने साम‌र्थ्य के अनुसार उन्हें भोग लगाकर दक्षिणा देने मात्र से ही मां दुर्गा प्रसन्न हो जाती हैं और भक्तों को उनका मनचाहा वरदान देती हैं। ---------------------

आस्था

- बंद हनुमान मंदिर के दरवाजे पर श्रद्धालुओं ने की पूजा-अर्चना

- पचकठवा मंदिर में जुटी भीड़, कन्याओं को कराया गया भोजन

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