पानी गया पाताल, बूंद-बूंद को भटक रहे ग्रामीण

जल संकट सदी की गहरी त्रासदी बनकर उभर रहा है। जल बिना जीवन बचाना मुश्किल होगा।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 19 Apr 2021 04:37 PM (IST) Updated:Mon, 19 Apr 2021 04:37 PM (IST)
पानी गया पाताल, बूंद-बूंद को भटक रहे ग्रामीण
पानी गया पाताल, बूंद-बूंद को भटक रहे ग्रामीण

औरंगाबाद। जल संकट सदी की गहरी त्रासदी बनकर उभर रहा है। जल बिना जीवन बचाना मुश्किल होगा। भीषण गर्मी में गांवों में पानी के लिए हाहाकार मचा है। जंगली इलाकों में पेयजल की स्थिति गंभीर बनी हुई है। पानी के लिए ग्रामीण भटक रहे हैं। प्यास बुझाने को दूर से पानी लाया जा रहा है। पशु-पक्षिओं की हालात भी दयनीय है। प्यास बुझाने को पशु जंगल में भटक रहे हैं।

औरंगाबाद जिले के नक्सल प्रभावित मदनपुर प्रखंड के जंगलतटीय इलाकों में पानी को लेकर हाहाकार मचा है। ग्रामीणों को पीने का पानी नहीं मिल रहा है। उनका दर्द भी सुनने वाला कोई नहीं है। नक्सल क्षेत्र में विकास की घोषणाएं छलावा साबित हो रही हैं। अब भी ग्रामीण नदी का पानी पीने को विवश हैं। चापाकल सूख गए है। मदनपुर प्रखंड के दक्षिणी उमगा पंचायत के ग्रामीण पानी की किल्लत से परेशान हैं। दो किलोमीटर दूर से पानी लाते हैं चिल्हमी के ग्रामीण

पंचायत के चिल्हमी के ग्रामीण तपते मौसम में दो किलोमीटर दूर गिधवा नाले के पास से पानी लाकर प्यास बुझा रहे हैं। सुबह होते ही ग्रामीण पानी लाने निकल जाते हैं। गिधवा नाले के नीचे चल रही बोरिग किसानों के लिए सहारा है। बोरिग पर पानी के लिए लंबी लाइन लगती है। बोरिग कब बंद हो जाएगी, यह कहा नहीं जा सकता। बोरिग बंद होने के बाद ग्रामीणों को पीने का पानी नसीब नहीं होगी। चार सौ की आबादी पर एक चापाकल

पितंबरा, जमुनियां, सहजपुर, कनौदी, शिवनगर, दुर्गापुर, पिछुलियां एवं वकीलगंज समेत दर्जनों गांव के ग्रामीण पानी को लेकर परेशान हैं। वकीलगंज गांव में मात्र एक चापाकल है। इस गांव की आबादी करीब 400 है। ये 400 ग्रामीण एक चापाकल से अपनी प्यास बुझा रहे हैं। चापालक भी हो जाता खराब

वकीलगंज गांव में चापाकल पर पानी भर रही मुनिया व बैजंती देवी ने कहा कि पीने का पानी नहीं मिल रहा है। बर्तन लेकर सुबह से पानी के लिए भटक रहे हैं। यह चापाकल भी कब खराब होगा, कहा नहीं जा सकता है। पंचायत के जनप्रतिनिधि भी इस समस्या पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। सात निश्चय योजना की नहीं है जानकारी

सात निश्चय योजना से हर गांव में नल से जल उपलब्ध कराना है। सरकार योजना तो चलाई, परंतु इसका लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल रहा है। अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि मौन हैं। हर घर नल से जल का सपना अधूरा है। इस पंचायत के दर्जनों गांव में अब भी नल- जल योजना का कार्य नहीं कराया गया है। इस योजना के बारे में ग्रामीण महिलाओं को जानकारी भी नहीं है। ग्रामीणों की सुनने वाला कोई नहीं

जमुनिया गांव निवासी विजय कुमार उर्फ गोलू यादव ने बताया कि यहां पानी की समस्या गंभीर है। वर्षो से ग्रामीण इस संकट से जुझ रहे हैं परंतु उनका सुनने वाला कोई नहीं है। प्रत्येक वर्ष सिर्फ आश्वासन दिया जाता है। सरकार एवं अधिकारी के उपेक्षापूर्ण रवैया के कारण ग्रामीण परेशान हैं।

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