पुत्र चिटू का हाथ बंटाने आए थे राजकुमार, हुई मौत

औरंगाबाद। रफीगंज शहर के थाना गली धुनिया मोहल्ला में बुधवार को जो घटना घटी। उसे सुनकर हर कोई हतप्रभ है। मौत किसी को कैसे खींच लाती है। इसका उदाहरण गया जिले के आंती थाना के बिरनामा गांव निवासी 52 वर्षीय राजकुमार यादव है। घर की महिलाएं उन्हें श्राद्धकर्म में जाने से रोक रही थीं। वह अपने बेटे चिंटू का हाथ बंटाने पहुंच गए।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 29 Sep 2021 10:20 PM (IST) Updated:Wed, 29 Sep 2021 10:20 PM (IST)
पुत्र चिटू का हाथ बंटाने आए थे राजकुमार, हुई मौत
पुत्र चिटू का हाथ बंटाने आए थे राजकुमार, हुई मौत

औरंगाबाद। रफीगंज शहर के थाना गली धुनिया मोहल्ला में बुधवार को जो घटना घटी। उसे सुनकर हर कोई हतप्रभ है। मौत किसी को कैसे खींच लाती है। इसका उदाहरण गया जिले के आंती थाना के बिरनामा गांव निवासी 52 वर्षीय राजकुमार यादव है। घर की महिलाएं उन्हें श्राद्धकर्म में जाने से रोक रही थीं। वह अपने बेटे चिंटू का हाथ बंटाने पहुंच गए।

बता दें कि राजकुमार यादव के 15 वर्षीय पुत्र चिटू कुमार भी इस हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गया। वह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाजरत है। हालांकि उसकी स्थिति सामान्य बताई जाती है। चिटू कुमार दुकानदार पिटू साव के यहां काम करता था। मालिक के घर आयोजित श्राद्धकर्म में हाथ बंटाने व मदद के लिए पिता राजकुमार यादव को भी बुला लिया था। वह तो अपने पिता को काम में मदद के लिए बुलाया था, लेकिन भगवान को तो कुछ और मंजूर था।

पिटू के स्वजनों के लिए आफत बनकर आई बारिश शहर के थाना गली धुनिया मोहल्ला में बुधवार की दोपहर में आई बारिश पिटू साव के परिवार वालों पर आफत बनकर आई। बारिश से देखते ही देखते तीन लोग बेसमय काल कल्वित हो गए।

बता दें धुनिया मोहल्ला निवासी रमेश प्रसाद जो किराना दुकान चलाते थे। दस दिन पूर्व उनकी मृत्यु हो गयी थी। बुधवार को उनके पुत्र पिटू साव द्वारा श्राद्ध किया जा रहा था। जगह के अभाव में वे अपने घर के बगल में करीब 20 फीट चौड़ी परती जमीन थी। वहीं भोज का आयोजन किया था, लेकिन उन्हें क्या पता था कि मेरे पिता के श्राद्ध के दिन ऐसी अनहोनी घटना घटेगी। जिसकी ताउम्र कसक रहेगी। उन्होंने तो बारिश से बचने के लिए तीन तल्ला मकान के ऊपर पांच इंच की दीवार के सहारे त्रिपाल से ढंककर उसके नीचे आए हुए अतिथियों को खाना खिलाया जा रहा था। पर ईश्वर को कुछ और ही मंजूर था। इसी बीच तेज बारिश शुरू हुई। बारिश का पानी त्रिपाल में भर गया। पानी के लोड से छत का दीवाल तीन तल्ला से नीचे गिर गई। इसमें तीन लोगों की दबकर मौत हो गई।

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