देव प्रखंड के दुलारे एपीएचसी में महीनों से लटका है ताला

औरंगाबाद। काफी दिनों से यहां डाक्टर और नर्स दिखाई नहीं दिए हैं। पहले एक नर्स आती थी परंतु अब वो भी नहीं आ रही है। यहां हमलोगों का कोई इलाज करने वाला नहीं है। बता दें कि सरकार द्वारा हर गरीबों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने का दावा किया जा रहा है। परंतु यह छलावा साबित हो रहा है। देव प्रखंड के अतिनक्सल प्रभावित जंगलतटीय इलाके के ग्रामीणों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया नहीं कराई जा रही है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 23 Oct 2021 11:17 PM (IST) Updated:Sat, 23 Oct 2021 11:17 PM (IST)
देव प्रखंड के दुलारे एपीएचसी में महीनों से लटका है ताला
देव प्रखंड के दुलारे एपीएचसी में महीनों से लटका है ताला

औरंगाबाद। समय : 11 बजे, स्थान : देव प्रखंड के एक निजी मकान अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र दुलारे। दिन : शनिवार। अस्पताल में ताला लटका था। पूछने पर ग्रामीणों ने बताया कि यह अस्पताल हमेशा बंद रहता है। काफी दिनों से यहां डाक्टर और नर्स दिखाई नहीं दिए हैं। पहले एक नर्स आती थी, परंतु अब वो भी नहीं आ रही है। यहां हमलोगों का कोई इलाज करने वाला नहीं है। बता दें कि सरकार द्वारा हर गरीबों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने का दावा किया जा रहा है। परंतु यह छलावा साबित हो रहा है। देव प्रखंड के अतिनक्सल प्रभावित जंगलतटीय इलाके के ग्रामीणों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया नहीं कराई जा रही है। दुलारे गांव का एपीएचसी हमेशा बंद रहता है। इसके अलावा इलाके में दूर-दूर तक अस्पताल नहीं है। बालूगंज में एक अस्पताल है भी तो वहां जाने का रास्ता नहीं है। पगडंडी के सहारे ग्रामीण आवागमन करते हैं। इस स्थिति में इलाज करा पाना संभव नहीं है। स्थिति यह है कि इधर झोलाछाप चिकित्सक से ग्रामीण इलाज करवाते है। बेहतर इलाज न मिलने के कारण कई मरीजों की जान भी चली गई है। न जांच, न दवा की सुविधा

ग्रामीण सुबोध कुमार, सरोज कुमार, मुकेश कुमार, नीतीश कुमार ने बताया कि एपीएची दुलारे में महीनों से ताला लटका हुआ है। इस अस्पताल की स्थिति काफी बदहाल है। यहां न सभी प्रकार की आवश्यक दवाइयां उपलब्ध है और न ही जांच की सुविधा। यहां तक की अस्पताल का अपना भवन तक नहीं है। कोई नर्स व चिकित्सक नहीं रहने के कारण यहां मरीजों को काफी परेशानी हो रही है। पीएचसी देव में कराते हैं इलाज

देव प्रखंड के जंगलतटीय गांव से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की दूरी 30 किलोमीटर है। दुलारे में चिकित्सक एवं नर्स नहीं रहने के कारण मरीज इलाज के किए देव पीएचसी में जाते हैं। ग्रामीणों को 30 किलोमीटर की दूरी तय करने के काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। नजदीक में झारखंड के हरिहरगंज अस्पताल है परंतु बटाने नदी पर पुल नहीं रहने के कारण मरीज को खाट पर लेकर छाती भर पानी में नदी पार करना पड़ता है। कई बार गंभीर स्थिति में मरीज की मौत हो गई है। अगर यहां चिकित्सक इन नर्स बैठने लगे तो दुलारे के अलावा छुछिया, जगदीशपुर, विशुनपुर, केवल्हा, घुरनडीह, पथरा, तेंदुई समेत दर्जनभर गांव के ग्रामीणों को लाभ मिलेगा। बेहतर इलाज हो सकेगा। कहते हैं प्रबंधक -

एपीएचसी दुलारे में चिकित्सक की पदस्थापना नहीं है। एक एएनएम पदस्थापित है, परंतु कोरोनारोधी टीकाकरण में उसकी ड्यूटी लगायी गयी है।

विकास रंजन, प्रबंधक, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, देव

chat bot
आपका साथी