जलता हुआ मशाल है भगत सिंह का विचार : राजाराम सिंह
औरंगाबाद। शहीद-ए-आजम भगत सिंह को उनकी 113 वीं जयंती के अवसर पर दाउदनगर में एक निजी औरंगाबाद। शहीद-ए-आजम भगत सिंह को उनकी 113 वीं जयंती के अवसर पर दाउदनगर में एक निजी स्कूल में शहीद-ए-आजम भगत सिंह सामाजिक विकास संस्थान द्वारा आयोजित कार्यक्रम में श्रद्धांजलि दी गई। कोरोना संकट के कारण सादा समारोह हुआ।
औरंगाबाद। शहीद-ए-आजम भगत सिंह को उनकी 113 वीं जयंती के अवसर पर दाउदनगर में एक निजी स्कूल में शहीद-ए-आजम भगत सिंह सामाजिक विकास संस्थान द्वारा आयोजित कार्यक्रम में श्रद्धांजलि दी गई। कोरोना संकट के कारण सादा समारोह हुआ। पूर्व विधायक राजाराम सिंह ने कहा कि आज की तारीख में जिस तरह से देश एक सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक संकट के मुहाने पर खड़ा है, इसमें भगत सिंह के विचार हम भारतवासियों के लिए एक जलती हुई मशाल के समान है जो उनकी शहादत के करीब नब्बे वर्ष बीत जाने के बावजूद आज भी हमारा मार्गदर्शन करने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि आज की तारीख में फासीवादी खतरों से जूझ रहे राष्ट्र के लिए भगत सिंह के विचार एवं उनका जीवन-दर्शन पूर्व के किसी भी समय की तुलना में आज कहीं ज्यादा प्रासंगिक है। अखिल भारतीय किसान महासभा के राष्ट्रीय महासचिव एवं ओबरा के पूर्व विधायक कामरेड राजाराम सिंह, वित्तरहित शिक्षक संघ के जिला उपाध्यक्ष प्रो. राजकमल कुमार सिंह, बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ (गोप गुट) मूल के जिला संयोजक सुरेन्द्र सिंह, शहीद -ए-आजम भगत सिंह सामाजिक विकास संस्थान के अध्यक्ष-कृष्णा प्रसाद चंद्रवंशी, कोषाध्यक्ष संजय कुमार सिंह, कार्यकारिणी सदस्य-मीना सिंह, मो. खुर्रम अंसारी, मो. कयूम अंसारी, प्रो.अरविद कुमार पाल, भाकपा (माले) के नगर सचिव बिरजु चौधरी, धर्मेंद्र कुमार, रामसकल महतो, रामचंद्र प्रसाद शामिल हुए। कोरोना महामारी के मद्देनजर शामिल लोगों ने फेस-मास्क पहनकर शारीरिक दूरी बनाते हुए कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इसी कारण से कोई बड़ी सभा या सेमिनार का कार्यक्रम नहीं हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्थान के कोषाध्यक्ष संजय कुमार सिंह एवं संचालन राजकमल कुमार सिंह ने किया। कॉरपोरेट कंपनियों के गुलाम बन जाएंगे किसान
पूर्व विधायक राजाराम सिंह ने देश में किसानों के चल रहे आंदोलन का जिक्र करते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने जो किसान-विरोधी बिल हाल ही में संसद से पास कराया है, उससे देश के आम किसान कॉरपोरेट कंपनियों के गुलाम बनकर रह जाएंगे। यही हाल मजदूरों का भी है, जिनसे न सिर्फ रोजगार छीन लिए गए हैं बल्कि उनके श्रम का निर्मम शोषण करने वाला बिल भी पारित कर दिया गया है। देश के सारे संसाधनों को कॉरपोरेट के हवाले किया जा रहा है, जिसके कारण देश आर्थिक संकट के मकड़जाल में फंस चुका है। अंत में इस अवसर पर भगत सिंह की याद में विद्यालय परिसर में ही वृक्षारोपण किया गया।