ठीकेदारों ने खोदा बालू, काटा पहाड़ पर नहीं रखा पर्यावरण का ख्याल

जिले में ठीकेदारों के द्वारा सोन पुनपुन एवं बटाने नदी में बालू का अंधाधुंध खनन किया गया। बालू बेचकर कंपनी मालामाल हुई लेकिन पर्यावरण का ख्याल नहीं रखा।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 14 Jun 2021 11:12 PM (IST) Updated:Mon, 14 Jun 2021 11:12 PM (IST)
ठीकेदारों ने खोदा बालू, काटा पहाड़ पर नहीं रखा पर्यावरण का ख्याल
ठीकेदारों ने खोदा बालू, काटा पहाड़ पर नहीं रखा पर्यावरण का ख्याल

जिले में ठीकेदारों के द्वारा सोन, पुनपुन एवं बटाने नदी में बालू का अंधाधुंध खनन किया गया। बालू बेचकर कंपनी मालामाल हुई, लेकिन पर्यावरण का ख्याल नहीं रखा। मदनपुर के पहरचापी पहाड़ का खनन करने वाली बंशीधर कंस्ट्रक्शन कंपनी ने भी पहाड़ को तोड़ा पर पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधे नहीं लगाए। इस कंपनी के द्वारा पौधे नहीं लगाने और पर्यावरण का संरक्षण नहीं करने के मामले की जांच तत्कालीन डीएफओ ने की थी। तब यह पाया गया था कंपनी के द्वारा स्वीकृत खनन पट्टा की भूमि पर खनन की शर्तों का अनुपालन नहीं किया गया और पौधारोपण भी नहीं किया गया है। डीएफओ की जांच रिपोर्ट पर तत्कालीन डीएम राहुल रंजन महिवाल ने पहाड़ का लीज रद्द करने का एक आदेश भी निर्गत किया था। डीएम के इस आदेश के बावजूद कंपनी के द्वारा खनन की शर्तों के अनुसार पौधारोपण नहीं किया गया। मदनपुर के वन विभाग के रेंज पदाधिकारी भी इस बात को बताते हैं कि कंपनी द्वारा खनन की शर्त के अनुसार पौधारोपण नहीं किया गया है। कंपनी के द्वारा नियम के विपरीत खनन एरिया में पौधारोपण न कर फॉरेस्ट एरिया में कुछ पौधे लगाए गए हैं। बताया गया कि वर्तमान में एनजीटी की गाइडलाइन के तहत पहाड़ का खनन बंद है। कंपनी के द्वारा जीटी रोड के किनारे तोड़े गए गिट्टी को पहाड़ सा एकत्रित कर रखा गया है। इससे भी हवा चलने पर काफी धूल उड़ता है। जिससे आसपास के लोगों को परेशानी होती है। पहाड़ का खनन से उड़ने वाली धूल से आसपास के ग्रामीणों का जीना मुहाल हो गया है। यही हाल सोन नदी के बालू घाटों का है। बालू खनन का ठीका लेने वाली कंपनी के द्वारा खनन की शर्तों के अनुसार पौधारोपण नहीं किया है। पौधारोपण करने की जो शर्त रखी गई थी, उसका अनुपालन नहीं किया गया है। वन विभाग के अधिकारी के अनुसार, नदी या पहाड़ का खनन करने वाले ठीकेदारों को पर्यावरण संरक्षण को लेकर पौधारोपण करना होता है। अगर पौधे लगे भी होंगे तो फाइलों में, लेकिन धरातल पर पौधे हरे नहीं हुए। न सोन के बालू घाट पर पौधे दिखते हैं न पहरचापी पहाड़ पर।

जिला खनन पदाधिकारी मुकेश कुमार ने बताया कि बालू घाटों पर कुछ पौधे लगाए गए हैं। पहरचापी पहाड़ का खनन करने वाली कंपनी के द्वारा भी 1200 पौधे लगाने की जानकारी दी गई है। अगर नहीं लगाया गया होगा तो अभी कंपनी का एक करोड़ विभाग के पास जमा है।

chat bot
आपका साथी