बनाया गया पर्यवेक्षण गृह और खोल दिया गया सुरक्षित स्थान

औरंगाबाद। मुफस्सिल थाना क्षेत्र के बभंडी स्थित सुरक्षित स्थान से शनिवार की रात में बाल कैदियों के फरार होने की घटना के बाद से इस स्थान की सुरक्षा पर सवाल उठ रहा है। सवाल उठ रहा है कि यहां पर्यवेक्षण गृह बनाया गया था पर विभाग के द्वारा इसमें सुरक्षित स्थान खोल दिया गया और गंभीर अपराध करने वाले बाल कैदियों को यहां रखा जाने लगा।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Oct 2021 11:18 PM (IST) Updated:Tue, 19 Oct 2021 11:18 PM (IST)
बनाया गया पर्यवेक्षण गृह और खोल दिया गया सुरक्षित स्थान
बनाया गया पर्यवेक्षण गृह और खोल दिया गया सुरक्षित स्थान

औरंगाबाद। मुफस्सिल थाना क्षेत्र के बभंडी स्थित सुरक्षित स्थान से शनिवार की रात में बाल कैदियों के फरार होने की घटना के बाद से इस स्थान की सुरक्षा पर सवाल उठ रहा है। सवाल उठ रहा है कि यहां पर्यवेक्षण गृह बनाया गया था पर विभाग के द्वारा इसमें सुरक्षित स्थान खोल दिया गया और गंभीर अपराध करने वाले बाल कैदियों को यहां रखा जाने लगा। पर्यवेक्षण गृह के लिए बनाया गया भवन सुरक्षित स्थान के मानक को पूरा नहीं करता है। सवाल उठ रहा है कि पर्यवेक्षण गृह के भवन में सुरक्षित स्थान क्यों खोला गया और इसमें 20 से 22 वर्ष तक के युवकों को बाल कैदियों के रुप में रखा जाने लगा।

शनिवार की रात में बाल कैदियों के फरार होने की घटना के पूर्व 13 जुलाई 2021 को यहां से छह बाल कैदी फरार हुए थे जो आजतक वापस नहीं लौटे हैं। जिला व पुलिस प्रशासन अबतक फरार बच्चों को पकड़ने में असफल साबित हुई हैं। 15 अक्टूबर को यहां से फरार हुए 18 बाल कैदियों में से 11 अबतक वापस नहीं लाए गए हैं। लगातार फरार होने की घटना के बाद से सुरक्षित स्थान की सुरक्षा पर कई सवाल उठ रहा है। पूर्व की घटना के बाद तत्कालीन जिला जज कृष्णमुरारी शरण ने सुरक्षा को लेकर कई खामियां बताई थी। तत्कालीन जिला जज ने निरीक्षण में पाया था कि भवन की चारदीवारी की ऊंचाई कम है। भवन के पीछे दो दिवारों के बीच में काफी गैप है। इस गैप के माध्यम से बाहर से अंदर आपत्तिजनक सामान आसानी से फेंका जा सकता है। बिजली बोर्ड को बाल कैदियों के पहुंच से ऊपर करने का निर्देश जिला जज ने दिया था ताकि कोई बच्चा बिजली का करंट से अपनी जान नहीं गंवा सके। तत्कालीन जिला जज के द्वारा भवन की सुरक्षा से लेकर इसमें रहने वाले बच्चों की सुरक्षा के संबंध में कई बातें बताई थी। तत्कालीन जिला जज के द्वारा दिए गए निर्देश का अनुपालन नहीं हुआ जिसका परिणाम है कि दूसरी बार 18 बाल कैदी सुरक्षित स्थान से फरार हो गए हैं। सुरक्षित स्थान की सुरक्षा के लिए भवन निर्माण विभाग के द्वारा करीब 60 लाख का प्राक्कलन बनाया गया है। 20 अक्टूबर को निविदा खोलरी जाएगी। इसके माध्यम से ठेकेदार को कार्य कराने की जिम्मेवारी दी जाएगी। सुरक्षा को लेकर तत्कालीन जिला जज के द्वारा जो निर्देश दिया गया था उसका भी अनुपालन कराया जा रहा है।

- सौरभ जोरवाल, डीएम

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