ट्यूशन पढ़ने जा रहे छात्र की नहर में डूबने से मौत

औरंगाबाद। रफीगंज प्रखंड के सैफगंज गांव के समीप सोन उच्च स्तरीय नहर में गांव के ही बिदेश्वरी सिंह के पुत्र 15 वर्षीय आनंद भारती की मौत डूबने से हो गई। स्वजनों ने शव का पोस्टमार्टम कराने से इन्कार कर दिया। इस घटना के बाद गांव में मातम पसर गया।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 24 Sep 2021 11:06 PM (IST) Updated:Fri, 24 Sep 2021 11:06 PM (IST)
ट्यूशन पढ़ने जा रहे छात्र की नहर में डूबने से मौत
ट्यूशन पढ़ने जा रहे छात्र की नहर में डूबने से मौत

औरंगाबाद। रफीगंज प्रखंड के सैफगंज गांव के समीप सोन उच्च स्तरीय नहर में गांव के ही बिदेश्वरी सिंह के पुत्र 15 वर्षीय आनंद भारती की मौत डूबने से हो गई। स्वजनों ने शव का पोस्टमार्टम कराने से इन्कार कर दिया। इस घटना के बाद गांव में मातम पसर गया।

स्वजनों ने बताया कि सैफगंज गांव से प्रतिदिन की भांति इसी रास्ते से आनंद अपने दो दोस्तों के साथ जाखिम कोचिग करने के लिए जा रहा था। इसी बीच अपने साथियों से आनंद ने बोला कि तुम लोग आगे बढ़ो मैं शौच कर के आता हूं। कितु वह कोचिग में नहीं पहुंचा। जब उसके दोनों साथी इसी रास्ते से वापस सैफगंज अपने गांव कोचिग कर के लौट रहे थे। तो नहर के समीप साइकिल एवं कापी किताब को देखा। तो खोजबीन शुरू करते हुए गांव में सूचना दी। स्वजन सहित ग्रामीण खोजबीन में लग गए। इसी दौरान नहर में भी खोजा गया तो नहर से छह घंटे की मशक्कत के बाद ग्रामीणों ने शव निकाला। स्वजनों का कहना है कि शुक्रवार सुबह लगभग पांच बजे घर से ट्यूशन के लिए निकला था। सुबह 11:30 बजे के करीब आनंद भारती का शव नहर से निकाला गया। शव मिलते ही मृतक की माता नीलम देवी, दादा रामपुकार प्रसाद सहित स्वजनों की चीख पुकार से गांव दहल उठा। ग्रामीणों की आंखें नम हो गईं और गांव में मातम छा गया। ग्रामीणों ने बताया कि बिदेश्वरी सिंह के दो पुत्र एवं एक पुत्री है। घटना की सूचना मिलते ही रफीगंज से एसआइ भगवान सिंह, एएसआइ अजय सिंह दलबल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और कागजी कार्रवाई कर स्वजनों को शव सौंप दिया। नहर पर पुल होता तो नहीं होती मौत

संसू, रफीगंज : सैफगंज गांव के सामने नहर पर पुल होता तो आनंद भारती की मौत नहीं होती। अधिवक्ता प्रभावती राय सहित ग्रामीणों ने बताया कि आजादी के बाद से ही नहर पर पुल निर्माण के लिए प्रतिनिधियों एवं राज्य सरकार से मांग की जाती रही है। चुनाव में भी ग्रामीणों द्वारा इस मुद्दे पर वोटिग की जाती रही है। जनप्रतिनिधि सिर्फ वोट मांगने के लिए यहां आते हैं और बाद में इस गांव को भूल जाते हैं। पुल निर्माण से केशोपुर, खरांटी, सैफगंज सहित आधा दर्जन गांव के लोग लाभान्वित होंगे। पुल नहीं रहने के कारण प्राय: ऐसी घटनाएं होती रहती हैं।

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