चमकी बुखार व जापानी इंसेफेलाइटिस से निपटने को बनी रणनीति
कोरोना के संक्रमण से लड़ रहा जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग अब जिले में चमकी बुखार और इंसेफेलाइटिस से बचाव की तैयारी शुरू हो गई है।
जागरण संवाददाता, औरंगाबाद। कोरोना के संक्रमण से लड़ रहा जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग अब जिले में चमकी बुखार अर्थात एइएस व जापानी इंसेफेलाइटिस की रोकथाम और इसके इलाज को लेकर तैयारी शुरू कर दी है। बुधवार को समाहरणालय स्थित कार्यालय कक्ष में डीएम सौरभ जोरवाल ने स्वास्थ्य विभाग के साथ बैठक की। डीएम ने चमकी बुखार एवं जापानी इंसेफेलाइटिस से बचाव के संबंध में चर्चा की। सिविल सर्जन डॉ. अकरम अली से तैयारी की जानकारी ली।
सीएस ने डीएम को बताया गया कि एइएस एवं जेई से लड़ने हेतु लगभग सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। जिला मलेरिया कार्यालय द्वारा सभी 11 प्रखंडों के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों सह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में गैप असेसमेंट का कार्य किया जा चुका है। सभी स्वास्थ्य संस्थानों में तीन तीन बेड की अतिरिक्त व्यवस्था की गई है। सभी 11 प्रखंडों के सामुदायिक स्वास्थ्य संस्थानों में कुल 33 बेड एवं अनुमंडलीय अस्पताल एवं सदर अस्पताल में छह छह बेड अलग से व्यवस्था की गई है। सीएस ने बताया कि जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में एइएस एवं जेइ किट किट पहुंचाया जा चुका है। सभी स्वास्थ्य संस्थानों के वार्डों में ऑक्सीजन की व्यवस्था की गई है। एंबू बैग जैसे उपकरणों से सुसज्जित किया गया है। जिला केंद्रीय औषधि भंडार एवं सदर अस्पताल में पांच पांच मेदोजोलम नसल स्प्रे भी उपलब्ध है। बताया कि सदर अस्पताल में पीडियाट्रिक चाइल्ड वार्ड उपलब्ध है। बताया गया कि पिछले वर्ष जिले में एइएस एवं जेइ के तीन मामले आए थे। इस वर्ष अभी तक एकभी मामला सामने नहीं आया है। जिले में माह जनवरी 2021 तक एइएस एवं जेइ टीकाकरण के अंतर्गत 90 प्रतिशत बच्चों को पहली खुराक एवं 88 प्रतिशत बच्चों को दूसरी खुराक दी जा चुकी है। बैठक में नॉन कम्युनिकेबल डिजिट कंट्रोल ऑफिसर डॉ. कुमार महेंद्र प्रताप, डीपीएम डॉ. कुमार मनोज एवं स्वास्थ्य विभाग के अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे। ----------------------------
बैठक
- सामुदायिक सह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में की गई बेड की व्यवस्था
- जिले में अबतक नहीं मिले हैं मरीज, लेकिन स्वास्थ्य विभाग अलर्ट