यह जाम हम सब के लिए बन न जाए मुसीबत

एक दिन पहले यानि रविवार को जिले में कोरोना संक्रमितों की संख्या जांच में शून्य मिली थी। शायद इस खबर को पढ़कर पूरे जिले के लोग सुकून का अनुभव किया होगा। इस शुभ समाचार को बनाए रखने के लिए हम सभी को जागरूक रहना होगा।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 14 Jun 2021 11:13 PM (IST) Updated:Mon, 14 Jun 2021 11:13 PM (IST)
यह जाम हम सब के लिए बन न जाए मुसीबत
यह जाम हम सब के लिए बन न जाए मुसीबत

एक दिन पहले यानि रविवार को जिले में कोरोना संक्रमितों की संख्या जांच में शून्य मिली थी। शायद इस खबर को पढ़कर पूरे जिले के लोग सुकून का अनुभव किया होगा। इस शुभ समाचार को बनाए रखने के लिए हम सभी को जागरूक रहना होगा। तभी जांच में संक्रमितों की संख्या शून्य दिखेगी। लेकिन नवीनगर नगर पंचायत क्षेत्र का हृदय स्थल बस स्टैंड एवं पुल पर सोमवार को जो जाम का नजारा दिखा। शायद यही जाम हमारी खुशियों को फीका कर सकता है। साथ ही हम सब के लिए मुसीबत भी बन सकता है। इसलिए ऐसी लापरवाही बरतने से पूरे जिले वासियों को बचना चाहिए। तभी हम जिले से कोरोना को भगा सकते हैं। दो से तीन घंटे तक रहा जाम

वैसे तो नवीनगर बाजार में प्रतिदिन ही जाम लगता है। लेकिन सोमवार को 2 से 3 घंटे तक महाजाम लग गया। जाम में फंस कर लोग हलकान रहे। सरकार ने अनलॉक की घोषणा क्या की, लगता है पूरा नवीनगर के लोग बाजार में खरीदारी के लिए टूट पड़े। शहर के बस स्टैंड चौराहे समेत नवीनगर से टंडवा,माली, डेहरी तथा मुख्य बाजार जाने वाली सड़क पर हर दिन घंटों जाम लगा रहता है। आदेश का भी पालन नहीं करते हैं लोग

लॉकडाउन के दौरान बीडीओ डा. ओम राजपूत ने सभी बस चालकों को थाना के निकट स्थित बस पड़ाव में बस लगाने का निर्देश दिया था। लेकिन, आदेश का पालन नहीं हुआ। बस स्टैंड स्थित सड़क पर ही बस लगाया जा रहा है। जाम का मुख्य कारण यह भी है। बावजूद प्रशासनिक कार्रवाई में शिथिलता बरती जाती है। अतिक्रमण भी जाम का मुख्य कारण

सीओ ने सभी ठेला व फुटपाथी दुकानदारों को अनुग्रह नारायण स्टेडियम में दुकान लगाने का आदेश दिया। पर वे भी आदेश नहीं माने और पहले जैसे लगा रहे थे, वैसे आज भी लगा रहे हैं। आधी सड़क पर टेंपो व फुटपाथी दुकानदारों का कब्जा रहता है। अतिक्रमण हटाने के दिशा में नगर पंचायत प्रशासन एवं स्थानीय पुलिस प्रशासन के द्वारा कारगर कदम नहीं उठाया जा रहा है। नवीनगरवासियों ने सड़क जाम से अविलंब मुक्ति दिलाने की मांग डीएम, एसडीओ, अंचलाधिकारी व नगर पंचायत प्रशासन से की है।

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