शहर के निजी क्लीनिक बंद, इलाज के लिए दौड़ रहे मरीज

कोरोना के बढ़ते संक्रमण की चपेट में शहर के अधिकांश चिकित्सक आ गए हैं। इस कारण उनके क्लीनिक बंद हो गए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 18 Apr 2021 04:21 PM (IST) Updated:Sun, 18 Apr 2021 04:21 PM (IST)
शहर के निजी क्लीनिक बंद, इलाज के लिए दौड़ रहे मरीज
शहर के निजी क्लीनिक बंद, इलाज के लिए दौड़ रहे मरीज

औरंगाबाद। कोरोना के बढ़ते संक्रमण की चपेट में शहर के अधिकांश चिकित्सक आ गए हैं। चिकित्सकों के संक्रमित होने के बाद उनके निजी क्लीनिकों में ताला लटक गया है। संक्रमित चिकित्सक होम क्वारंटाइन हो गए हैं। मरीज अब दौड़ लगाने लगे हैं। उनके स्वजन परेशान हैं।

महाराजगंज रोड के एक निजी चिकित्सक का पटना के अस्पताल में इलाज चल रहा है। क्लब रोड के एक चिकित्सक का पूरा परिवार संक्रमित हो गया है। कर्मा रोड के एक चिकित्सक संक्रमित होने के बाद होम क्वारंटाइन हो गए हैं। पुरानी जीटी रोड के एक चिकित्सक भी संक्रमित होकर होम क्वारंटाइन हैं। शहर के अधिकांश चिकित्सकों के संक्रमित होने से उनके क्लीनिक बंद हो गए हैं। क्लीनिक बंद होने से मरीज इलाज के लिए शहर में दौड़ लगा रहे हैं। प्रखंड के प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों के इलाज की क्या व्यवस्था है, यह किसी से छिपा नहीं है। सदर रेफर अस्पताल बनकर रह गया है। यहां मरीज आते ही रेफर हो जाते हैं। सदर अस्पताल से लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं रेफरल अस्पताल में चिकित्सकों के अधिकांश पद रिक्त पड़े हैं।

ऐसी परिस्थिति में शहर के चिकित्सकों के संक्रमित होने के बाद क्लीनिकों के बंद हो जाने से लोगों को इलाज के लिए तड़पना पड़ रहा है। रविवार को फेसर से पेट में दर्द की शिकायत पर जिला मुख्यालय पहुंची मनोरमा देवी का परिवार इलाज के लिए शहर में दौड़ता रहा। महिला के बच्चे रोते व बिलखते मां के साथ दौड़ रहे थे। कोरोना के कारण हालात यह हो गई है कि यहां से रेफर मरीजों को किसी दूसरे जिले के अस्पतालों में भर्ती होना मुश्किल हो गया है। मरीजों को दूसरे जिले के अस्पताल भर्ती लेने से हाथ खड़े कर दे रहे हैं। कोरोना संक्रमित सहायक कोषागार पदाधिकारी समेत तीन की मौत

कोरोना से संक्रमित यहां के सहायक कोषागार पदाधिकारी गुलफान आजम की मौत रविवार को पटना में एक निजी अस्पताल में हो गई। चार दिन पहले वे संक्रमित हुए थे। हसपुरा प्रखंड कार्यालय के नाजिर दिलीप ठाकुर की भी मौत हो गई है। हालांकि यह पता नहीं चला है कि वे संक्रमित थे या नहीं। बारुण प्रखंड अंतर्गत शेखपुरा निवासी शिक्षक नरेश शास्त्री की मौत शनिवार को हो गई। शिक्षक कोरोना से संक्रमित थे। शहर के एक निजी स्कूल की प्राचार्य की भी मौत होने की सूचना है। मौत कैसे हुई, इसका पता नहीं चल सका है।

चिकित्सकों के कोरोना से संक्रमित होने से थोड़ी परेशानी बढ़ी है। सरकारी अस्पतालों में इलाज हो रहा है। हमारे चिकित्सक बेहतर सुविधा के साथ इलाज करने को तत्पर हैं।

डॉ. अकरम अली, सिविल सर्जल, औरंगाबाद

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