ईवीएम में खराबी के कारण चार घंटे विलंब से शुरू हुआ मतदान

औरंगाबाद। नगर परिषद क्षेत्र में स्थित ठाकुर मध्य विद्यालय में मतदान केंद्र संख्या- 4 पर करीब 4 औरंगाबाद। नगर परिषद क्षेत्र में स्थित ठाकुर मध्य विद्यालय में मतदान केंद्र संख्या- 4 पर करीब 4 घंटे विलंब से मतदान शुरू हो सका।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 29 Oct 2020 10:09 PM (IST) Updated:Thu, 29 Oct 2020 10:09 PM (IST)
ईवीएम में खराबी के कारण चार घंटे विलंब से शुरू हुआ मतदान
ईवीएम में खराबी के कारण चार घंटे विलंब से शुरू हुआ मतदान

औरंगाबाद। नगर परिषद क्षेत्र में स्थित ठाकुर मध्य विद्यालय में मतदान केंद्र संख्या- 4 पर करीब 4 घंटे विलंब से मतदान शुरू हो सका। यहां मोक पोल के समय ही ईवीएम का सेट काम करना बंद कर दिया। इसके बाद प्रखंड में रखे गए रिजल्ट से ईवीएम का पूरा सेट लाकर बदला गया। उसके बाद 50 मत डाल कर मोक पोल किया गया। तब यहां मतदान शुरू हो सका। इस प्रक्रिया में करीब 4 घंटे का वक्त बर्बाद हुआ। यही स्थिति उन मतदान केंद्रों पर रही, जहां पूरा सेट बदलना पड़ा। प्रखंड विकास पदाधिकारी जफर इमाम के अनुसार दाउदनगर प्रखंड में स्थित मतदान केंद्र संख्या 19, 12, 128 एवं 04 पर पूरा सेट बदला गया। इसी तरह मतदान केंद्र संख्या 5, 48, 97, 83, 49, 136, 144, 46, 45 एवं 157 पर वीवीपैट बदला गया। इसके अलावा 154 ए और 126 ए पर कंट्रोल यूनिट बदला गया। रौशनी की शिकायत रही आम

प्राय: मतदान केंद्रों पर प्रर्याप्त रौशनी नहीं होने की शिकायत रही। ईवीएम मशीन पर प्रत्याशियों की तस्वीर, संख्या, चुनाव चिन्ह देखेने में अधिक उम्र वालों को काफी परेशानी हो रही थी। अंधेरा होने के कारण यह समस्या थी। मतदान कर्मी ने बताया कि रौशनी या 100 वाट का बुल जलने पर वीवीपैट खराब हो जाने का डर है। शमशेर नगर में बागी टोला के बूथ संख्या-48 पर वीवीपैट खराब हो गया। मतदान कर्मी ने इस संवाददाता को बताया कि धूप की गर्मी से खराब होने की बात एक्सपर्ट ने बताया। इसलिए इसके ऊपर कपड़ा रखकर ढंका गया, ताकि टेंट में चल रहे इस चलंत बूथ में रखे गए वीवीपैट पर धुप की गर्मी न पड़े। सखी मतदान केंद्रों पर शुरू में सुस्ती

सखी मतदान केंद्रों पर शुरुआती घंटे काफी सुस्ती दिखी। एक कर्मी ने बताया कि सरकार लेंथ ऑ़फ सर्विस देखकर अनुभवी समझती है, जबकि अन्य युग में युवा तेजी से सीख लेते है। नई तकनीक को सीखना कम उम्र वालों के लिए सहज होता है। समस्या यह आ रही है कि 40 से अधिक उम्र की महिला कर्मियों के लिए नयी तकनीक सीखना मुश्किल होता दिखा। वे सुस्त भी दिखीं एवं जल्द ही हड़बड़ा जाती भी दिखीं। बूथ संख्या-एक पर प्रथम एक घंटे में मात्र 10 व्यक्ति मतदान कर सके।

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