अस्पताल में बेड व ऑक्सीजन की कमी से मरीज परेशान

औरंगाबाद कोरोना के कहर के सामने स्वास्थ्य विभाग बेबस नजर आ रहा है। कोरोना और वायरल

By JagranEdited By: Publish:Sat, 08 May 2021 11:25 PM (IST) Updated:Sat, 08 May 2021 11:25 PM (IST)
अस्पताल में बेड व ऑक्सीजन की कमी से मरीज परेशान
अस्पताल में बेड व ऑक्सीजन की कमी से मरीज परेशान

औरंगाबाद : कोरोना के कहर के सामने स्वास्थ्य विभाग बेबस नजर आ रहा है। कोरोना और वायरल फीवर के मरीज लगातार मिल रहे है। नर्सिंग होम संचालकों द्वारा हाथ खड़े करने के बाद सरकारी अस्पतालों में मरीजों की संख्या दिनोंदिन बढ़ रही है। जिला अस्पताल में बेड की कमी होने लगी है तो ऑक्सीजन सप्लाई नाकाफी है। समय से ऑक्सीजन नहीं मिलने के कारण लोग दम तोड़ रहे हैं। इन दिनों कोरोना के साथ ही वायरल फीवर ने भी कहर बरपा रखा है। कोरोना व वायरल फीवर के मरीजों की संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है। कोरोना संक्रमण में पहले पांच से छह दिन हल्का बुखार रखता है तो बाद में चार से पांच दिन तेज बुखार रहता है। इसी तरह से वायरल फीवर में शुरू से ही रोगी को तेज बुखार होने लगता है। जो करीब सात से आठ दिन तक रहता है। सामान्य लोग कोरोना और वायरल फीवर में अंतर नहीं कर पाते। इसलिए रोगियों के तीमारदार उसे लेकर चिकित्सकों के क्लीनिक व नर्सिंग होम के चक्कर काटते हैं। जब रोगी को उपचार नहीं मिलता तो उसे लेकर सरकारी अस्पताल पहुंचते हैं। सरकारी अस्पतालों में अत्यधिक भीड़ होने के कारण रोगी को बेड तक नहीं मिल पाता। ऑक्सीजन की उपलब्धता तो जग जाहिर है ही। मरीजों को नहीं मिल रहा ऑक्सीजन

मरीजों की अधिक संख्या के कारण वर्तमान में जिले में ऑक्सीजन की काफी कमी हो गई है। ऑक्सीजन के लिए मरीज तड़प रहे हैं। सदर अस्पताल में स्थिति यह है कि सिलेंडर रहते हुए भी मरीजों को नहीं मिल रहा कारण की फॉलोमीटर नहीं है। यही कारण है कि जिले में ऑक्सीजन की कमी लगातार बनी हुई है। जिला अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. विकास कुमार का कहना है कि मरीजों के कई तीमारदार अनावश्यक रूप से ऑक्सीजन लगाने का दबाव बनाते हैं। जबकि जिन मरीजों को ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है उन्हें निश्चित रूप से ऑक्सीजन दी जाती है। चार दिन से बेड के लिए तड़प रहा मरीज

सदर अस्पताल में बेड की काफी कमी हो गई है। मरीजों को जहां शरण मिल रहा है वहां रहकर इलाज करा रहे है। अस्पताल की बदहाल व्यवस्था की पोल प्रतिदिन खुल रही है। देव प्रखंड के जयराम बिगहा गांव निवासी रंजीत सिंह चार दिन से बेड के लिए छटपटा रहे हैं। कोई सुनने वाला नहीं है। मरीज के स्वजन के बैठने वाला कुर्सी पर सोकर इलाज करा रहे है। रंजीत को ऑक्सीजन लगा है उसके बावजूद भी बेड नहीं मिल रहा। रंजीत ने बताया कि चार दिनों से यहां पड़े हुए हैं। परंतु कोई सुनने वाला नहीं है। एक बार भी चिकित्सक देखने तक नहीं आए। बता दें कि यह बदहाल व्यवस्था मरीजों की जान ले रही है। बगैर ग्लब्स के नर्स कर रही इलाज

सदर अस्पताल में मरीजों को इलाज कर रही नर्स को ग्लब्स और सैनिटाइजर नहीं मिल रहा है। बगैर ग्लब्स और सैनिटाइजर के मरीज को नर्स इलाज कर रही है। नर्सों ने बताया कि कई बार हमलोग मांग किए परंतु नहीं मिल रहा है। एक-दो ही दिया जाता है। एक ही ग्लब्स को बार-बार धोकर मरीजों का इलाज किया जा रहा है। स्थिति यह है कि संक्रमित होने का खतरा बना हुआ है। यह सब देखते हुए भी कोई कार्रवाई नहीं ही रही है।

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