एनपीजीसी की तीसरी यूनिट बिजली उत्पादन के लिए तैयार

औरंगाबाद। नवीनगर में बन रही नबीनगर सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट (एनपीजीसी) बिजली परियोजना की 660 मेगावाट की तीसरी यूनिट बिजली उत्पादन के लिए तैयार हो गई है। इस यूनिट से बिजली उत्पादन का ट्रायल इसी सप्ताह में शुरू किया जाएगा। तीसरी यूनिट का ट्रायल एवं 72 घंटे लगातार फूल लोड पर चलाने की सभी तैयारी पूरी कर ली गई है। इस परियोजना की दो यूनिट से 1320 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 14 Nov 2021 11:22 PM (IST) Updated:Sun, 14 Nov 2021 11:22 PM (IST)
एनपीजीसी की तीसरी यूनिट बिजली उत्पादन के लिए तैयार
एनपीजीसी की तीसरी यूनिट बिजली उत्पादन के लिए तैयार

औरंगाबाद। नवीनगर में बन रही नबीनगर सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट (एनपीजीसी) बिजली परियोजना की 660 मेगावाट की तीसरी यूनिट बिजली उत्पादन के लिए तैयार हो गई है। इस यूनिट से बिजली उत्पादन का ट्रायल इसी सप्ताह में शुरू किया जाएगा। तीसरी यूनिट का ट्रायल एवं 72 घंटे लगातार फूल लोड पर चलाने की सभी तैयारी पूरी कर ली गई है। इस परियोजना की दो यूनिट से 1320 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जा रहा है। 1980 मेगावाट (660 मेगावाट की तीन यूनिट) की यह बिजली परियोजना करीब 2972 एकड़ में लग रही है। करीब 17 हजार करोड़ की लागत से बन रही परियोजना कोयला आधारित है। परियोजना से उत्पादित बिजली का 85 प्रतिशत बिहार को मिलना है। शेष बिजली यूपी, उड़ीसा, सिक्किम राज्य को भेजी जानी है। वर्तमान में इस परियोजना की दो यूनिट से 1122 मेगावाट बिजली बिहार को मिल रही है। जब परियोजना के तीनों यूनिट से बिजली उत्पादन शुरू हो जाएगा तो बिहार को 1683 मेगावाट बिजली बिहार को मिलने लगेगी। यह परियोजना देश की तीसरी सबसे बड़ी थर्मल परियोजना है। इससे बड़ा यूपी के विध्याचल एवं मध्य प्रेदश के सिगरौली में हैं। परियोजना के अधिकारियों ने बताया कि परियोजना के तीसरी यूनिट से बिजली उत्पादन की सभी प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। इसी सप्ताह उत्पादन का ट्रायल किया जाएगा। परियोजना के विस्तार की है योजना

एनपीजीसी बिजली परियोजना के विस्तार की योजना है। जब तीनों यूनिट से बिजली का उत्पादन शुरु हो जाएगा तो 660 मेगावाट की तीन और यूनिट लगाने का प्रस्ताव है। पूर्व में इसकी घोषणा भी राज्य के ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र यादव परियोजना परिसर में कर चुके हैं। हालांकि बताया जाता है कि देश में बढ़ते प्रदूषण को लेकर कोयला आधारित बिजली परियोजना के निर्माण पर रोक लगा दी गई है। अगर यह नियम लागू होगा तो फिर इस परियोजना में 660 मेगावाट की तीन और यूनिट के लगने पर ग्रहण लग सकता है।

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