कृष्ण-सुदामा की मित्रता, दोस्ती की सर्वश्रेष्ठ मिसाल : अनुराधा सरस्वती

औरंगाबाद। शहर के मिशन स्कूल जागृति बिहार कालोनी में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा में सातवें एवं अंतिम दिन रविवार रात कथावाचिका अनुराधा सरस्वती ने श्रीकृष्ण-सुदामा की मित्रता का प्रसंग सुनाया इसे सुनकर श्रोता भाव विभोर हो गए।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 27 Sep 2021 09:38 PM (IST) Updated:Mon, 27 Sep 2021 09:38 PM (IST)
कृष्ण-सुदामा की मित्रता, दोस्ती की सर्वश्रेष्ठ मिसाल : अनुराधा सरस्वती
कृष्ण-सुदामा की मित्रता, दोस्ती की सर्वश्रेष्ठ मिसाल : अनुराधा सरस्वती

औरंगाबाद। शहर के मिशन स्कूल जागृति बिहार कालोनी में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा में सातवें एवं अंतिम दिन रविवार रात कथावाचिका अनुराधा सरस्वती ने श्रीकृष्ण-सुदामा की मित्रता का प्रसंग सुनाया, इसे सुनकर श्रोता भाव विभोर हो गए। उन्होंने बताया कि भारतीय परंपरा में हमेशा से ही मित्रता का महत्व रहा है। हमारे जीवन में माता-पिता और गुरु के बाद मित्र को स्थान दिया गया है। मित्रता में जाति, पाति, ऊंचा-नीचा का कोई भेद नहीं होना चाहिए। जिस मित्रता में छल और कपट होता है, उसका अंत बहुत बुरा होता है। भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा की मित्रता एक मिसाल है।

तनीषा गरिमा ने कृष्ण, सिम्मी सिंह ने सुदामा एवं उनके सहयोगियों ने रुक्मिणी की सजीव झांकी प्रस्तुति दी। कथावाचिका ने कहा कि मित्रता करें तो सुदामा जैसे करें और कभी भी अपने मित्र को धोखा ना दे। अगर लोगों में कृष्ण-सुदामा जैसी मित्रता हो जाए तो दुनिया से अमीरी-गरीबी का भेद दूर हो जाएगा। भगवान अपने भक्तों में ऊंच नीच और भेदभाव नहीं देखते अवतार लेते हैं। भगवान श्रीकृष्ण के आदर्श गृहस्थी जीवन पर चर्चा करते हुए कहा कि उनकी 16 हजार से अधिक रानियां थीं। इनमें से तीन प्रमुख थीं। इसके बाद भी श्रीकृष्ण के दांपत्य में कभी आप अशांति नहीं पाएंगे क्योंकि श्रीकृष्ण सुखी गृहस्थ जीवन के गूढ़ रहस्यों को जानते थे। गृहस्थ जीवन के इन्हीं प्रमुख सात सूत्रों के बारे में श्रीमद्भागवत में विस्तृत वर्णन किया गया है जो श्री कृष्ण ने संसार को दिए हैं। सुखी गृहस्थ जीवन का पहला सूत्र है विश्वास। पति-पत्नी के बीच में विश्वास होना अति आवश्यक है। यदि पति-पत्नी के जीवन में बिश्वास होगा तो जीवन आनंदमय कटेगा। दांपत्य का दूसरा सूत्र है संतुष्टि। संतोष के अभाव में दांपत्य का सुखमय होना मुश्किल है। इसी प्रकार सुखी गृहस्थ जीवन के अन्य सूत्र जो श्री कृष्ण ने दिए हैं वे हैं संतान, संवेदनशीलता, संकल्प, सक्षम और अंतिम सूत्र है समर्पण। सोमवार को मंदिर कमेटी के द्वारा भंडारा का आयोजन किया गया जहां हजारों श्रद्धालु ने भंडारा में शामिल होकर प्रसाद ग्रहण किया।

ओबरा विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी वरिष्ठ समाजसेवी डा. प्रकाश चंद्रा और मुकेश गुप्ता महाआरती में शामिल होकर महाआरती किया। उन्होंने उपस्थित श्रोताओं को भी संबोधित किया। भाजपा नेता उज्जवल सिंह, दिनेश सिंह, शिक्षक संघ के नेता अशोक पांडेय, शिक्षक विपिन कुमार सिंह, उत्तम सिंह, मनीष सिंह, विनय कुमार सिंह, शिव कुमार सिंह, सूर्यदेव सिंह, वीरेंद्र कुमार वैद्य, मनोज सिंह, अनिल सिंह, अशोक सिंह, रविन्द्र सिंह, रामस्वरूप सिंह, सूर्यदेव सिंह, संजय द्विवेदी, वीरू विनायक, डब्बू पांडेय, हिमांशु कुमार, तुषार कुमार, विकास कुमार, और नीतीश कुमार सहित सैकड़ों से ज्यादा मोहल्ले के लोग सहित आसपास गांव के लोग भी शामिल हुए।

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