शिक्षक से दारोगा बने थे क्याम
औरंगाबाद। औरंगाबाद जिले के नगर थाना के अलीनगर मुहल्ला निवासी मो. क्यामुद्दीन अंसारी शिक्षक से
औरंगाबाद। औरंगाबाद जिले के नगर थाना के अलीनगर मुहल्ला निवासी मो. क्यामुद्दीन अंसारी शिक्षक से दारोगा बने थे। दोस्तों के बीच क्याम नाम से लोकप्रिय क्यामुद्दीन 1999 में शिक्षक बने थे।
पत्नी है शिक्षक : पत्नी अंजुम आरा भी उर्दू मध्य विद्यालय दाउदनगर में शिक्षिका हैं। शिक्षक के रुप में क्याम का प्रथम पदस्थापन मदनपुर प्रखंड के वार पंचायत के पहरपुरा विद्यालय में हुआ था। यहां के बाद हेतमपुर एवं बुधौल विद्यालय में सेवा दी। रफीगंज प्रख्ाड के बुधौल विद्यालय में शिक्षक रहते वर्ष 2009 में दारोगा बने।
शिक्षा से बेहद लगाव : शिक्षा से बेहद लगाव रहा फिर भी शिक्षक की नौकरी नहीं की। दारोगा बनने के बाद से गया जिले में पदस्थापित रहे। गया जिले के आधे दर्जन से अधिक थानों में क्यामुद्दीन काम कर चुके हैं। क्याम के दोस्त वार्ड पार्षद युसूफ आजाद अंसारी ने बताया कि कोठी थाना से पहले क्याम डेल्टा, यूनिवर्सिटी एवं चाकंद ओपी के प्रभारी थे। आमस एवं मुफस्सिल थाना में जेएसआई के पद पर सेवा दी। ड्यूटी के प्रति हमेशा सजग रहे। सरल स्वाभाव के थे : दारोगा की हत्या से मुहल्ले के लोग आक्रोशित हैं। सभी ने एक स्वर से कहा कि क्याम सरल स्वभाव का था। वह अपने परिवार एवं दोस्तों के बीच लोकप्रिय था। जब भी घर आता दोस्तों से मिलना नहीं भुलता। क्याम की हत्या से अलीनगर के नागरिक सदमे में हैं। आक्रोशित लहजे में युसूफ एवं फिरोज अहमद ने कहा कि हत्यारों को कड़ी सजा मिले।