क्षणिक आशंका के बीच विश्वास के साथ टीकाकरण
औरंगाबाद। विश्व में तहलका मचा देने वाले कोविड-19 से आजादी का मार्ग शनिवार को खुल गया। औरंगाबाद। विश्व में तहलका मचा देने वाले कोविड-19 से आजादी का मार्ग शनिवार को खुल गया। आतंक आशंका व भय से मुक्ति की यात्रा शुरू हो गई। अनुमंडल अस्पताल में स्वास्थ्यकर्मियों के टीकाकरण के साथ इस यात्रारंभ को लेकर सभी लोगों में कौतूहल था।
औरंगाबाद। विश्व में तहलका मचा देने वाले कोविड-19 से आजादी का मार्ग शनिवार को खुल गया। आतंक, आशंका व भय से मुक्ति की यात्रा शुरू हो गई। अनुमंडल अस्पताल में स्वास्थ्यकर्मियों के टीकाकरण के साथ इस यात्रारंभ को लेकर सभी लोगों में कौतूहल था। सबसे पहले स्वास्थ्य कर्मियों का टीकाकरण होना है और इस कारण स्वास्थ्य कर्मियों में भी इसे लेकर कई तरह की भावनाएं रही। शनिवार को अधिकारियों से लेकर मीडिया कर्मियों तक को उस महिला की तलाश थी, जिसे सबसे पहले टीका लगाया जाना था। सबसे पहले पिलछी निवासी आशा कार्यकर्ता रीना देवी को टीका के लिए टीकाकरण कक्ष में बुलाया गया। पहली बार टीका लगवाने वाली रीना के साथ टीका लगाने के लिए तैनात स्वास्थ्य कर्मियों में हिचक देख दैनिक जागरण के इस संवाददाता ने आशंकाओं को दूर करने के लिए स्वास्थ्य कर्मियों से अपने उच्चाधिकारियों से पूछने को प्रेरित किया। इसके बाद अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ राजेश कुमार सिंह ने सबके सामने पहला टीका लगा कार्यकर्ताओं में व्याप्त हिचक को दूर किया। रीना इसके साथ ही पहली टीका लगवाने वाली दाउदनगर में आशा कार्यकर्ता बन गई। उसने बताया कि टीका लगाने के पहले थोड़ी बहुत आशंका थी। क्या होगा, कैसा होगा को लेकर मन में कितु परंतु थे, लेकिन टीका लगाने के साथ ही उनके मन से हर तरह की आशंका खत्म हो गई। दूसरा टीका पूनम कुमारी को लगा, इनको भी कोई परेशानी नहीं थी। बाजार समिति क्षेत्र की निवासी आशा मालती देवी ने बताया कि सरकार की ओर से जो भी अभियान चलता है वह सही ही होता है, इसलिए वे निर्भीक थी। उन्हें किसी तरह का डर नहीं था। टीकाकरण शुरू होने के पहले भी और बाद में भी कोई आशंका नहीं रही। आशा कार्यकर्ता करुणा कुमारी, बेबी कुमारी एवं संगीता कुमारी जैसी तमाम आशा कार्यकर्ताओं ने बताया कि डर नहीं लग रहा था। जो भी आशंका थी रीना और पूनम के टीका लगाए जाने के साथ खत्म हो गई। टीका लगवाने के बाद सभी स्वास्थ्यकर्मी आपस में आनन्द लेते दिखे। स्वास्थ्य कर्मियों से पूछा एसडीएम ने हाल-चाल एसडीएम कुमारी अनुपम सिंह ने टीका लगवाने के लिए इंतजार में बैठे और टीका लगवा चुकी महिला स्वास्थ्य कर्मियों से उनका हालचाल पूछा। उनके बारे में जानने का प्रयास किया कि उनके स्वास्थ्य पर क्या असर पड़ता है। उनकी भावनाएं क्या है और उनके मन में किस तरह की आशंका या भय व्याप्त है। आशा कार्यकर्ताओं के जवाब से संतुष्ट दिखी और प्रथम टीका लगने के करीब आधे घंटे का जो ऑब्जरवेशन टाइम है उतना देर वे अनुमंडल अस्पताल में उपस्थित रही। कोरोना वैक्सीन के संबंध में सामान्य प्रश्न और उसके उत्तर
कोरोना वैक्सीन से संबंधित कई तरह के प्रश्न आमतौर पर जानने की जिज्ञासा तमाम लोगों में है। राज्य स्वास्थ्य समिति बिहार द्वारा इस संबंध में महत्वपूर्ण जानकारियां सार्वजनिक की गई है। अनुमंडल अस्पताल दाउदनगर में दैनिक जागरण को उपलब्ध कराए गए दस्तावेज के अनुसार प्रश्न और उत्तर इस प्रकार हैं। प्रश्न-यदि कोई कैंसर, मधुमेह, उच्च रक्तचाप आदि जैसी बीमारी की दवा ले रहा है? तो क्या वह कोरोना वैक्सीन ले सकता है?
उत्तर:-इनमें से एक या एक से अधिक स्वास्थ्य परिस्थितियों वाले व्यक्तियों को एक उच्च जोखिम वाली श्रेणी का माना जाता है। उन्हें कोरोना वैक्सीनेशन कराने की आवश्यकता है।
प्रश्न:-क्या स्वास्थ्य कर्मी तथा फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं के परिवार को भी वैक्सीन दिया जाएगा?
उत्तर -प्रारंभिक चरण में सीमित वैक्सीन की आपूर्ति के कारण इसे पहले प्राथमिकता वाले समूहों के लोगों को प्रदान किया जाएगा। बाद के चरणों में वैक्सिग की उपलब्धता के आधार पर अन्य सभी को उपलब्ध कराया जाएगा।
प्रश्न:- पात्र लाभार्थी के पंजीकरण के लिए कौन से दस्तावेज आवश्यक है?
उत्तर -आधार, ड्राइविग लाइसेंस, वोटर आईडी कार्ड, पासपोर्ट, जॉब कार्ड, पेंशन दस्तावेज, स्वास्थ्य मंत्रालय की योजना के तहत जारी स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कार्ड, सांसदों विधायकों को जारी आधिकारिक प्रमाण पत्र, पोस्ट ऑफिस द्वारा जारी पासबुक, केंद्र सरकार पब्लिक लिमिटेड कंपनी द्वारा जारी आईडी कार्ड दिखाया जा सकता है।
प्रश्न:-क्या कोरोना से ठीक हुए व्यक्ति को भी वैक्सीन लेना आवश्यक है?
उत्तर- पहले से संक्रमित होने के बावजूद वैक्सीन की पूरी खुराक लेना आवश्यक है। क्योंकि यह एक मजबूत रोग प्रतिरोधक तंत्र विकसित करने में मदद करेगा।
प्रश्न:-क्या कोरोना (पुष्टि/संदिग्ध) संक्रमित व्यक्ति को भी वैक्सीन लगाया जा सकता है?
उत्तर:- संक्रमित व्यक्तियों को लक्षण खत्म होने के 14 दिन बाद तक टीकाकरण स्थगित करना चाहिए, क्योंकि वह वैक्सीनेशन स्थल पर दूसरों में वायरस फैलाने का जोखिम बढ़ा सकते हैं।