आइसीयू का रिकवरी दर रहा 78 प्रतिशत

औरंगाबाद। इंटेंसिव केयर यूनिट (आइसीयू) का लाभ जिले के मरीजों को मिलने लगा है। सदर अस्पताल परिसर में आइसीयू का शुभारंभ 10 मई 2021 को कोरोना काल में किया गया था। शुभारंभ तब हुआ था जब कोविड-19 से संक्रमित मरीज ऑक्सीजन के अभाव में दम तोड़ रहे थे। सदर अस्पताल में रखे वेंटिलेटर मशीन को लेकर हंगामा खड़ा हो गया था। आइसीयू का लाभ यहां के मरीजों को मिलने लगा है। आइसीयू में भर्ती मरीजों का रिकवरी दर 78 प्रतिशत है। आइसीयू की देखरेख कर रहे चिकित्सक डॉ. जन्मेंजय कुमार ने बताया कि 10 मई से 04 जून तक कुल 18 मरीज भर्ती हुए। अधिकांश कोरोना संक्रमित थे। उन्हें सांस लेने में दिक्कत के साथ और कई तरह की परेशानी थी। मैंने यहां भर्ती मरीजों को हरसंभव बचाने का प्रयास किया।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 04 Jun 2021 08:03 PM (IST) Updated:Fri, 04 Jun 2021 08:03 PM (IST)
आइसीयू का रिकवरी दर रहा 78 प्रतिशत
आइसीयू का रिकवरी दर रहा 78 प्रतिशत

औरंगाबाद। इंटेंसिव केयर यूनिट (आइसीयू) का लाभ जिले के मरीजों को मिलने लगा है। सदर अस्पताल परिसर में आइसीयू का शुभारंभ 10 मई 2021 को कोरोना काल में किया गया था। शुभारंभ तब हुआ था जब कोविड-19 से संक्रमित मरीज ऑक्सीजन के अभाव में दम तोड़ रहे थे। सदर अस्पताल में रखे वेंटिलेटर मशीन को लेकर हंगामा खड़ा हो गया था। आइसीयू का लाभ यहां के मरीजों को मिलने लगा है। आइसीयू में भर्ती मरीजों का रिकवरी दर 78 प्रतिशत है। आइसीयू की देखरेख कर रहे चिकित्सक डॉ. जन्मेंजय कुमार ने बताया कि 10 मई से 04 जून तक कुल 18 मरीज भर्ती हुए। अधिकांश कोरोना संक्रमित थे। उन्हें सांस लेने में दिक्कत के साथ और कई तरह की परेशानी थी। मैंने यहां भर्ती मरीजों को हरसंभव बचाने का प्रयास किया। स्वास्थ्यकर्मियों के साथ मिलकर उनकी देखरेख की, जिसका परिणाम यह रहा कि 18 में 14 मरीज स्वस्थ होकर घर लौटे। जिन मरीजों की यहां मौत हुई है वे अंतिम अवस्था में यहां भर्ती हुए थे। तीन ने यहां आते हीं दम तोड़ दिया था। चार कोरोना संक्रमितों का चल रहा इलाज

डॉ. जन्मेंजय कुमार ने बताया कि आइसीयू में अभी चार कोरोना संक्रमित भर्ती हैं। सभी को सांस लेने में दिक्कत के साथ बीपी की परेशानी है। बताया कि कोविड- 19 हमेशा खांसी एवं गले की खरास के साथ शुरू होता है जिस कारण श्वसन तंत्र पर असर डालता है। फेफड़ों की वायु थैलियों को नुकसान पहुंचाती है जिससे संक्रमितों को सांस लेने में परेशानी होती है। आइसीयू में चार बेड है और सभी पर मरीज हैं। नवनीगर प्रखंड के बड़ेम गांव निवासी रामजी सिंह, शहर के न्यू एरिया निवासी अणु देवी, औरंगाबाद प्रखंड के बिशैनी गांव निवासी उषा देवी एवं चैंदोल बिगहा निवासी रामलखन पासवान का इलाज चल रहा है। सभी स्वस्थ हैं। एक-दो दिनों में सभी को आइसीयू से छुट्टी दे दी जाएगी। आइसीयू में चार की हुई है मौत

डॉ. जन्मेंजय कुमार ने बताया कि आइसीयू में भर्ती चार की अब तक मौत हुई है। बताया कि कोरोना संक्रमित थे और वो जब आइसीयू में आए थे तो अंतिम सांस गिन रहे थे। उन्होंने बताया कि शंभू सिंह, कृष्णा सिंह, डोमन प्रसाद चौरसिया एवं मीना देवी की मौत हुई है। 23 मई के बाद आइसीयू में किसी की मौत नहीं हुई है।

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