नियोजित शिक्षकों के सहारे चल रहा कन्या इंटर स्कूल

औरंगाबाद। शहर में स्थित इकलौता राजकीयकृत कन्या इंटर विद्यालय है जहां शहर की छात्राओं को माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षा उपलब्ध होती है। वर्ष 1968 में इस विद्यालय की स्थापना की गई थी और आज यहां दो हजार से अधिक छात्राओं का नाम अंकित हैं। अनुमंडल मुख्यालय में स्थित माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में यह अकेला ऐसा विद्यालय है जहां आज बड़ी संख्या में छात्राएं पढ़ने आती हैं। लगभग 200 छात्राएं प्रतिदिन यहां उपस्थित होती हैं और वे शिक्षा ग्रहण करती हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 27 Nov 2021 10:31 PM (IST) Updated:Sat, 27 Nov 2021 10:31 PM (IST)
नियोजित शिक्षकों के सहारे चल रहा कन्या इंटर स्कूल
नियोजित शिक्षकों के सहारे चल रहा कन्या इंटर स्कूल

औरंगाबाद। शहर में स्थित इकलौता राजकीयकृत कन्या इंटर विद्यालय है, जहां शहर की छात्राओं को माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षा उपलब्ध होती है। वर्ष 1968 में इस विद्यालय की स्थापना की गई थी और आज यहां दो हजार से अधिक छात्राओं का नाम अंकित हैं। अनुमंडल मुख्यालय में स्थित माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में यह अकेला ऐसा विद्यालय है, जहां आज बड़ी संख्या में छात्राएं पढ़ने आती हैं। लगभग 200 छात्राएं प्रतिदिन यहां उपस्थित होती हैं और वे शिक्षा ग्रहण करती हैं। खासकर नौवीं की छात्राएं रोज पढ़ने आती हैं। राजकीयकृत कन्या इंटर विद्यालय में कुल 24 शिक्षक हैं। दनमें 18 माध्यमिक में और छह उच्च माध्यमिक विद्यालय में है। प्रभारी प्रधानाध्यापक और एक महिला शिक्षक नियमित हैं, बाकी सभी 22 नियोजित शिक्षक हैं। यहां एक लाइब्रेरियन कर्मी भी नियोजित है। हिदी, अंग्रेजी, गणित और संस्कृत में शिक्षकों की जरूरत है। इन विषयों में उपलब्ध शिक्षकों की संख्या पर्याप्त नहीं बताई जाती है। विद्यालय के एक एकड़ 50 डिसमिल से अधिक जमीन

प्रभारी प्रधानाध्यापक सत्येंद्र कुमार राय ने बताया कि इस विद्यालय में कक्षा नौवीं में 605 और दसवीं में 669 छात्राओं का नाम अंकित है। इसी तरह 11वीं विज्ञान में 215 और कला में 228 जबकि 12वीं विज्ञान में 217 और कला में 239 छात्राओं का नाम अंकित है। एक एकड़ 50 डिसमिल से अधिक जमीन विद्यालय के पास है। चारदीवारी कहीं से टूटी नहीं है। जमीन का कोई अतिक्रमण नहीं हुआ है। विद्यालय में दो कमरा ऐसा है, जब बारिश होती है तो पानी टपकता है। उसकी मरम्मत की जरूरत है। इस विद्यालय में कुल 20 कमरे हैं। विद्यालय परिसर में स्थित सार्वजनिक मंच पेड़ गिरने और इस्तेमाल ना होने से बर्बाद हो रहा है। झाड़ियां उग गई हैं। जिसे साफ किए जाने की जरूरत है, ताकि विद्यालय परिसर खूबसूरत लगे।

chat bot
आपका साथी