विसर्जन से पहले श्रद्धालुओं ने मां दुर्गा की उतारी आरती

औरंगाबाद। दशहरा मां दुर्गा समेत अन्य देवी-देवताओं की प्रतिमा विसर्जन के संपन्न हो गया। प्रतिमा विसर्जन करने को तांता लगा रहा। शहर में स्थापित अधिकांश प्रतिमा का विसर्जन अदरी नदी में किया गया। विसर्जन से पहले श्रद्धालुओं ने मां दुर्गा की आरती उतारी।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 16 Oct 2021 11:35 PM (IST) Updated:Sat, 16 Oct 2021 11:35 PM (IST)
विसर्जन से पहले श्रद्धालुओं ने मां दुर्गा की उतारी आरती
विसर्जन से पहले श्रद्धालुओं ने मां दुर्गा की उतारी आरती

औरंगाबाद। दशहरा मां दुर्गा समेत अन्य देवी-देवताओं की प्रतिमा विसर्जन के संपन्न हो गया। प्रतिमा विसर्जन करने को तांता लगा रहा। शहर में स्थापित अधिकांश प्रतिमा का विसर्जन अदरी नदी में किया गया। विसर्जन से पहले श्रद्धालुओं ने मां दुर्गा की आरती उतारी। वैसे कई मूर्ति का विसर्जन पुलिस लाइन के पास स्थित पोखरा में किया गया। प्रतिमा विसर्जन के साथ जिले में आस्था और भक्ति का प्रतीक दुर्गापूजा संपन्न हो गया। विसर्जन जुलूस में उत्सव सा माहौल देखने को मिला। जय माता दी के जयकारा से वातावरण गूंजता रहा। भक्त जश्न में डूबे रहे। दोपहर 12 बजे से विसर्जन का सिलसिला जो शुरू हुआ वह देर शाम तक चलता रहा। शहर के विभिन्न अखाड़ा के उस्ताद अपने झंडा लेकर विसर्जन स्थल अदरी नदी घाट पहुंचे। हरि बोल के नारे के साथ युवक जय मां दुर्गा के नारे लगा रहे थे। जामा मस्जिद के पास सुरक्षा का पुख्ता प्रबंध किया गया था। प्रशासनिक अधिकारी खुद सुरक्षा व्यवस्था का कमान स्वयं संभाले हुए थे। एसडीओ विजयंत, एसडीपीओ गौतम शरण ओमी एवं नगर थानाध्यक्ष अंजनी कुमार स्वयं सुरक्षा व्यवस्था का जायजा ले रहे थे। विसर्जन के दौरान सड़क पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। किसी प्रकार की कोई अप्रिय नहीं घटी। पुलिस सजग थी, जिस कारण मां के भक्त भी अनुशासित रहे। श्रद्धालुओं ने मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन अदरी नदी में किया। विसर्जन को लेकर शहर में सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए थे। रमेश चौक के पास भारी संख्या में पुलिसबल की तैनाती की गई थी। शाम सात बजे तक अधिकांश पूजा पंडालों के मूर्ति का विसर्जन किया जा चुका था। सरकार के आदेशानुसार इस बार सड़क पर जुलूस नहीं निकाली गई थी। डीजे बजाने पर प्रतिबंध रहा। पूजा पंडाल के सदस्य वाहन पर मूर्ति लेकर शांतिपूर्ण तरीके से महाआरती के बाद मूर्ति का विसर्जन कर दिए।

chat bot
आपका साथी