निर्माण के सालभर बाद ही सड़क के बीचोंबीच पड़ी दरार

औरंगाबाद। सरकार द्वारा हर जगह सड़क का जाल बिछाया जा रहा है। सभी टोला को गांवों से जोड़ा जा रहा है। इस पर लाखों रुपये खर्च हो रहे हैं। इसको लेकर सरकार ग्रामीण टोला संपर्क निश्चय योजना (जीटीएनएसवाई) के तहत कार्य कर रही है परंतु इसमें लूट मचा हुआ है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 01 Oct 2020 06:21 PM (IST) Updated:Thu, 01 Oct 2020 06:21 PM (IST)
निर्माण के सालभर बाद ही सड़क के बीचोंबीच पड़ी दरार
निर्माण के सालभर बाद ही सड़क के बीचोंबीच पड़ी दरार

औरंगाबाद। सरकार द्वारा हर जगह सड़क का जाल बिछाया जा रहा है। सभी टोला को गांवों से जोड़ा जा रहा है। इस पर लाखों रुपये खर्च हो रहे हैं। इसको लेकर सरकार ग्रामीण टोला संपर्क निश्चय योजना (जीटीएनएसवाई) के तहत कार्य कर रही है, परंतु इसमें लूट मचा हुआ है।

सदर प्रखंड के एनएच-139 से विपत बिगहा जाने वाले पथ फट गया है। इस सड़क का निर्माण कार्य 11 सितंबर 2018 को शुरू हुआ 10 सितंबर 2019 को पूरा हो गया। मगर, एक वर्ष के अंदर ही यह सड़क फट गई। इसका कार्यकारी एजेंसी कार्यपालक अभियंता ग्रामीण कार्य विभाग कार्य प्रमंडल औरंगाबाद है। आश्चर्य की बात तो यह है कि सड़क निर्माण के बाद बोर्ड लगाया गया परंतु, इसपर एकरारनामा एवं पांच साल तक रखरखाव की राशि अंकित नहीं कि गई है। इसके बाद भी विभागीय अधिकारियों द्वारा कोई कार्रवाई नहीं हो सकी। साथ ही बोर्ड पर यह लिखा गया है ट्रक के समुल्य निर्माण कराया गया है परंतु सामान्य आवागमन से ही दो टुकड़ों में बट गयी। सड़क करीब 1.75 किलोमीटर लंबी है। इस संबंध में ग्रामीण कार्य विभाग कार्य प्रमंडल औरंगाबाद के कार्यपालक अभियंता युगेश्वर कुमार सिंह ने बताया कि सड़क निर्माण की जांच के लिए अधिकारियों को लिखा जाएगा। इस संबंध में पूर्व से कोई जानकारी नहीं थी।

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