पूंजीपतियों के हाथ खेत खलिहान गिरवी रखने का षड़यंत्र : राजाराम सिंह
औरंगाबाद। अखिल भारतीय किसान महासभा द्वारा गुरुवार को नगर भवन परिसर में धरना दिया गया। औरंगाबाद। अखिल भारतीय किसान महासभा द्वारा गुरुवार को नगर भवन परिसर में धरना दिया गया। किसानों से जुड़े मुद्दे पर केंद्र और राज्य सरकार की तीखी आलोचना की गई। धरना की अध्यक्षता किसान महासभा के जिला सचिव कामता प्रसाद यादव ने की।
औरंगाबाद। अखिल भारतीय किसान महासभा द्वारा गुरुवार को नगर भवन परिसर में धरना दिया गया। किसानों से जुड़े मुद्दे पर केंद्र और राज्य सरकार की तीखी आलोचना की गई। धरना की अध्यक्षता किसान महासभा के जिला सचिव कामता प्रसाद यादव ने की। उद्घाटन राष्ट्रीय महासचिव व पूर्व विधायक राजाराम सिंह ने किया। 250 किसान संगठनों के समूह एआइकेएससीसी की वर्किंग कमेटी के सदस्य और भाकपा माले केंद्रीय कमेटी सदस्य राजाराम सिंह ने कहा कि नरेंद्र मोदी की सरकार कॉरपोरेट्स परस्त है। अपने चहेते कॉरपोरेट्स के हाथ सौंप कर खेत खलिहान को गिरवी रखने का षड़यंत्र रचा गया है। किसानों से खेती छिनने की साजिश है कृषि संबंधी तीन काला कानून। उन्होंने कहा कि अडानी अंबानी की आमदनी बुलेट ट्रेन की रफ्तार से बढ़ रही है, जबकि देश की जीडीपी नीचे गिर रही है। लगभग -24 प्रतिशत गिर गया है। उन्होंने कहा कि इससे निकलने का एकमात्र रास्ता किसानों की जेब में पैसा डालना है। उनकी क्रय शक्ति बढ़ेगी तो बाजार में मांग पैदा होगी, लेकिन मोदी सरकार किसानों के पेट पर लात मार रही है। दुनिया में किसानों की उपज के लिए मूल्य सुरक्षा हमेशा सरकार द्वारा प्रदान की जाती है। उन्होंने कहा कि मूल्य आश्वासन (बंदोबस्ती एवं संरक्षण) कृषि सेवा कानून कांट्रेक्ट खेती की स्वीकृति देता है। यह कानून किसानों को खेती से बेदखल करने, फसल विविधता और खाद्य सुरक्षा को खत्म करने वाला है।
इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय पार्षद एवं पूर्व जिला सचिव भाकपा माले जनार्दन प्रसाद सिंह, खेत ग्रामीण मजदूर सभा के जिला सचिव राजकुमार भगत, प्रखंड सचिव माले चंद्रमा पासवान, दुखन राम, यासीन अंसारी, रामनाथ ठाकुर, द्वारिक पासवान, मदन प्रजापति, लक्ष्मी मेहता, श्रीकांत पंडित, सत्येंद्र प्रसाद सिंह, लल्लन यादव, विनय यादव, धर्मेंद्र कुमार, फातिमा खातून, चंद्रमणि देवी शामिल रहे। कार्यक्रम में आंदोलन के लिए दिल्ली पहुंचने वाले आंदोलनकारी किसान नेताओं पर लाठीचार्ज की कड़ी निदा की गई और उनकी रिहाई की मांग की गई।