गड्ढों में तब्दील हुई अरंडा-खुदवां पथ
औरंगाबाद। अरंडा-चंदा-खुदवां पथ कि स्थिति जर्जर हो गई है। इन पथों पर वाहन तो दूर पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है। ग्रामीण गड्ढों में सड़क का अस्तित्व खोजते है। पथ की लंबाई करीब 8 किलोमीटर बताई जाती है।
औरंगाबाद। अरंडा-चंदा-खुदवां पथ कि स्थिति जर्जर हो गई है। इन पथों पर वाहन तो दूर पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है। ग्रामीण गड्ढों में सड़क का अस्तित्व खोजते है। पथ की लंबाई करीब 8 किलोमीटर बताई जाती है। अरंडा से चंदा पथ में ढलते ही यात्रियों को गड्ढों से सामना शुरू हो जाता है। ग्रामीणों का मानना है अगर सड़क की मरम्मति नहीं कराई गई तो बरसात की दिनों में इस सड़क से आवागमन बंद हो सकता है। वैसे भी इन सड़कों से यात्रा करना कोई भी मुनासिब नहीं समझते हैं। गैनी के पैक्स अध्यक्ष राजू कुमार, तारा के सेवानिर्वित प्रधानाध्यापक चंद्रदेव सिंह, कझवां के सामाजिक कार्यकर्ता उदय सिंह, शालिग्राम सिंह, विध्यांचल सिंह ने बताया कि सड़क की मरम्मती कराने हेतु सभी जनप्रतिनिधियों से कहते-कहते थक गए पर अभी तक समस्या का समाधान नहीं निकला। सबों ने सिर्फ आश्वासन दिया कि इस बार भी विधानसभा का चुनाव को ले मतदान खत्म हो गया है। 10 नवंबर को मतगणना है, अब देखना है कि जीते प्रत्याशी के द्वारा सड़क निर्माण होगा की नहीं। बता दें कि बारिश होने पर सड़क से आवागमन बंद हो जाता है। ग्रामीणों की माने तो इसी सड़क से कझवां, एकौना, तारा, नहरों, डिहरी, चातर, पथरा, पीसाय, चंदा, कुशा, सकलखोरी, मोमिनपुर, खुदवां गांव के ग्रामीण यात्रा करते हैं। करीब 50 हजार की आबादी इस सड़क से प्रभावित है। ग्रामीणों ने कहा कि बरसात से पूर्व कार्य नहीं कराया गया तो हम सभी आगे आंदोलन करने के मूड में बाध्य होंगे।