अपहृत ऑटो चालक का शव 14 दिन बाद बरामद

दाउदनगर। (औरंगाबाद) दाउदनगर थाना के चौरी निवासी टेंपो चालक अनिल सिंह का शव मिला लेकिन सिर्फ धड़ उसका सिर और एक हाथ अभी भी गायब है। जबकि एक हाथ का पंजा अभी तक पुलिस बरामद नहीं कर सकी है।दुर्घटना के बाद उसके हाथ में स्टील का रॉड लगाया गया था। शव की पहचान इसी रॉड के कारण हुई। रविवार को थाना परिसर में एसडीपीओ राजेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मामले की पूरी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 16 मई को उसका अपहरण कर हत्या कर दी गई थी। 30 मई को शव बरामद हुआ।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 30 May 2021 07:33 PM (IST) Updated:Sun, 30 May 2021 07:33 PM (IST)
अपहृत ऑटो चालक का शव 14 दिन बाद बरामद
अपहृत ऑटो चालक का शव 14 दिन बाद बरामद

दाउदनगर। (औरंगाबाद) : दाउदनगर थाना के चौरी निवासी टेंपो चालक अनिल सिंह का शव मिला, लेकिन सिर्फ धड़, उसका सिर और एक हाथ अभी भी गायब है। जबकि एक हाथ का पंजा अभी तक पुलिस बरामद नहीं कर सकी है।दुर्घटना के बाद उसके हाथ में स्टील का रॉड लगाया गया था। शव की पहचान इसी रॉड के कारण हुई। रविवार को थाना परिसर में एसडीपीओ राजेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मामले की पूरी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 16 मई को उसका अपहरण कर हत्या कर दी गई थी। 30 मई को शव बरामद हुआ। शव को नमक के साथ गड्ढे में गाड़ दिया गया था। ताकि शव गलकर खत्म हो जाए और साक्ष्य मिले ही नहीं। उन्होंने बताया कि मृतक अनिल सिंह के पुत्र शुभम सिंह द्वारा 17 मई को धारा 365 के तहत कांड संख्या 266/21 केस दर्ज कराई गई थी। अनुसंधान के क्रम में कांड का उद्भेदन हुआ। अग्रेतर कार्रवाई हेतु थानाध्यक्ष अरविद कुमार गौतम के नेतृत्व में पुलिस पदाधिकारियों और कर्मियों की एक एसआईटी टीम गठित की गई है। एसडीपीओ ने बताया कि एसआइटी टीम द्वारा आसूचना संकलन कर गुमशुदा अपहृत अनिल सिंह के अपहरण कर्ता गिरोह के चार सदस्यों को पकड़कर पूछताछ की गई। पूछताछ के क्रम में अपहरणकर्ता गिरोह के चार सदस्यों के स्वीकारोक्ति बयान एवं निशानदेही पर हसपुरा थाना अंतर्गत जखौरा के पुनपुन नदी के किनारे से मिट्टी खोदकर गाड़े गए अपहृत अनिल का शव बरामद किया गया।

एसडीपीओ राजेश कुमार ने बताया कि पूरे घटनाक्रम का मुख्य साजिशकर्ता शिव कुमार यादव उर्फ मुखिया चौरी निवासी है। उसके समेत उसके सहयोगियों को गिरफ्तार करने का प्रयास किया जा रहा है। इस मामले में बबलू कुमार, प्रभात कुमार, धीरेंद्र पांडे और पंचम कुमार को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पुलिस सूत्रों के अनुसार पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है। अंतर जिला छापेमारी हो रही है। पुलिस के सामने अभी अनिल का सिर और उसका ऑटो बरामद करने की चुनौती है। घटना की वजह मारपीट या कुछ और अनिल सिंह का अपहरण कर जिस तरीके से हत्या की गई। उससे यह स्पष्ट है कि यह सब कुछ प्लान के तहत हुआ है। क्षणिक आक्रोश का यह नतीजा नहीं हो सकता है। प्रेस विज्ञप्ति में डीएसपी राजेश कुमार ने बताया कि अपहरणकर्ता गिरोह के मुख्य सरगना एवं साजिशकर्ता फरार शिव कुमार यादव उर्फ मुखिया से इस कांड के अपहृत अनिल सिंह एवं उनके पक्ष के लोगों से 14- 15 मई को गाली गलौज और मारपीट की घटना हुई थी। साजिशकर्ता शिव कुमार उर्फ मुखिया ने साथियों के सहयोग से अनिल का अपहरण कर उसकी हत्या कर साक्ष्य मिटाने के उद्देश्य से शव को नदी के किनारे मिट्टी खोद कर गाड़ दिया था। लेकिन यह बात काफी लोगों को सहज नहीं लग रही। पुलिस सूत्रों के अनुसार मुखिया अपनी हनक को कायम रखना चाहता था। इसीलिए उसने अनिल की हत्या कर दी। 14-15 मई की जिस घटना का जिक्र किया जा रहा है। उसमें दो प्राथमिकी अलग-अलग दर्ज हुई थी। शादी विवाह के समय वाहन खड़े करने को लेकर विवाद हुआ था। बैजनाथ सिंह द्वारा इस मामले में दर्ज प्राथमिकी में 21 नामजद आरोपी बनाए गए थे। जबकि संजय कुमार द्वारा दर्ज कराई गई प्राथमिकी में 11 व्यक्ति को नामजद आरोपी बनाया गया था। अनिल सिंह एक मामले में नामजद था। एक पुलिसकर्मी के अनुसार मुखिया यादव अपनी हनक दिखाना चाहता था। क्योंकि उसके पक्ष के लोग इस मारपीट में अधिक घायल बताए जाते हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार जो चर्चा है वह यह है कि मारपीट की घटना के बाद मुखिया यादव और उसके साथियों को लगा कि गांव में उसकी हनक कम हो जाएगी। इसलिए उसने इस तरह का जघन्य अपराध को अंजाम दिया। एक पुलिस अधिकारी के अनुसार ही अनिल की जगह जो भी मिलता उसकी बलि मुखिया गिरोह दे देता क्यों कि उस पर अपनी हनक कायम रखने का भूत सवार था।

chat bot
आपका साथी