जिले के सभी 11 प्रखंडों में बनकर तैयार हो गए स्वचालित मौसम केंद्र

औरंगाबाद। जिले के सभी 11 प्रखंडों में स्वचालित मौसम केंद्र (एडब्ल्यूएस) बनकर तैयार हो गया है। यह स्टेशन सभी प्रखंड सह अंचल कार्यालयों में अधिष्ठापित किया गया है। जिले की 203 पंचायतों में आटोमेटिक रेन गेज (एआरजी) का निर्माण कराया जाना है। 96 पंचायतों में इसका निर्माण किया जा रहा है। अब तक एक भी पंचायत में बनकर तैयार नहीं हुआ है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 27 Oct 2021 10:12 PM (IST) Updated:Wed, 27 Oct 2021 10:12 PM (IST)
जिले के सभी 11 प्रखंडों में बनकर तैयार हो गए स्वचालित मौसम केंद्र
जिले के सभी 11 प्रखंडों में बनकर तैयार हो गए स्वचालित मौसम केंद्र

औरंगाबाद। जिले के सभी 11 प्रखंडों में स्वचालित मौसम केंद्र (एडब्ल्यूएस) बनकर तैयार हो गया है। यह स्टेशन सभी प्रखंड सह अंचल कार्यालयों में अधिष्ठापित किया गया है। जिले की 203 पंचायतों में आटोमेटिक रेन गेज (एआरजी) का निर्माण कराया जाना है। 96 पंचायतों में इसका निर्माण किया जा रहा है। अब तक एक भी पंचायत में बनकर तैयार नहीं हुआ है। एडब्ल्यूएस एवं एआरजी के निर्माण को लेकर बुधवार को डीएम सौरभ जोरवाल ने सभी बीडीओ, प्रखंड कृषि पदाधिकारी व सांख्यिकी पदाधिकारी के साथ वीसी के माध्यम से समीक्षा बैठक की। एडीएम आशिष कुमार सिन्हा एवं डीडीसी अंशुल कुमार मौजूद रहे। डीएम ने प्रखंड कार्यालयों में बनकर तैयार हुए एडब्ल्यूएस एवं निर्माणाधीन एआरजी के रखरखाव पर चर्चा की। एआरजी के निर्माण में तेजी लाने का निर्देश दिया। कहा कि निर्माण प्रस्तावित स्थल पर ही करें। प्रस्तावित जगह से दूसरे जगह पर निर्माण के लिए जिला सांख्यिकी पदाधिकारी को जानकारी देकर कराएं। जिला सांख्यिकी पदाधिकारी अरविद कुमार ने बताया कि पंचायतों में बनने वाला एआरजी इच्छुक किसानों के द्वारा खेतों में भी लगाया जा सकता है। 10 पंचायत सरकार भवनों में इसे लगाया जा रहा है। इसके अधिष्ठापन को लेकर सभी पंचायतों के कृषि सलाहकारों को निर्देश दिया गया है। जिन किसानों के द्वारा अपनी जमीन में एआरजी लगाया जाएगा उसके एवज में अभी कुछ नहीं दिया जाएगा। रखरखाव भी जमीन मालिक यानी किसान को ही करना होगा। जिला सांख्यिकी पदाधिकारी ने बताया कि एडब्ल्यूएस एवं एआरजी के अधिष्ठापन से वर्षापात, तापमान, आ‌र्द्रता आदि के आंकड़ें सही समय पर मिलेंगे। मिले हुए डाटा को सार्वजिनक किया जा सकता है। बताया कि प्राप्त डाटा का विश्लेषण एवं अनुश्रवण के लिए बिहार मौसम सेवा केंद्र का गठन पटना में किया गया है। इस सोसायटी में विशेषज्ञ वैज्ञानिक तैनात किए गए हैं जो प्राप्त आंकड़ों का विश्लेषण कर पूर्वानुमान का आकलन कर सकेंगे। जिला में आपदा के पहले अलर्ट किया जाएगा।

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