अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होगा औरंगाबाद सदर अस्पताल
औरंगाबाद वर्तमान में 100 बेड वाला सदर अस्पताल जल्द ही पटना के बड़े अस्पताल की तरह दिखेगा। यहां पर 300 बेड की सुविधा होगी।
औरंगाबाद : वर्तमान में 100 बेड वाला सदर अस्पताल जल्द ही पटना के बड़े अस्पताल की तरह दिखेगा। यहां पर मरीजों के लिए 300 बेड की सुविधा होगी। सरकार के आदेश के बाद कार्य शुरू हो गया है। नौ मंजिला नए भवन के लिए भूमिपूजन भी हो चुका है। सदर अस्पताल के पुराने भवनों को ध्वस्त कर नौ मंजिला बनाया जा रहा है। डाक्टरों की बढ़ेगी संख्या: अस्पताल में भवन के साथ चिकित्सकों की संख्या भी बढ़ेगी। नए सदर अस्पताल निर्माण के लिए स्वास्थ्य विभाग ने प्रथम चरण में 32 करोड़ रुपये जारी कर दिया है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार इस भवन में पर्याप्त संख्या में मरीजों व उनके स्वजनों को बैठने के लिए कुर्सियां लगाई जाएंगी। 17070 स्क्वायर मीटर भवन का क्षेत्रफल सदर अस्पताल का मुख्य भवन नौ मंजिला होगा। इसी भवन में इमरजेंसी कक्ष को जोड़ा जाएगा। इसको और अत्याधुनिक बनाया जाएगा। भवन का कुल क्षेत्रफल 17070 स्क्वायर मीटर बना है। एक्सीडेंट व गंभीर मरीज को इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कर इलाज किया जाएगा। सभी वार्ड में 30 से 35 बेड मरीजों के लिए होगा। इसमें एमआरआइ, एक्सरे, पैथोलैब की सुविधा होगी। सभी विभाग के मौजूद होंगे चिकित्सक अस्पताल में सभी विभागों के चिकित्सक मौजूद होंगे। हृदय, आंख, कान, गला, दांत, हड्डी समेत विशेषज्ञ एवं सर्जन चिकित्सक कार्य करेंगे। पूरे तरीके से अत्याधुनिक ओपीडी बनाया जाएगा। मरीजों के लिए अस्पताल में जाने पर अस्पताल जैसी नहीं बल्कि होटल जैसी अनुभव होगा। बच्चों के लिए विशेष सुविधा नवजात एवं बच्चों के लिए इस भवन में विशेष सुविधा बहाल की जाएगी। ताकि उसे बाहर न ले जाना पड़े। इसके लिए हर प्रयास विभाग के द्वारा किया जा रहा है। यहां प्रसव पूर्व प्रसूता का भी इलाज किया जाएगा। इसी भवन में एनआरसी, ब्लड बैंक, फिजियोथिरेपी, आपरेशन थियेटर, बर्न वार्ड, आइसोलेशन वार्ड बनाया जाएगा। कोट---
नये भवन का निर्माण कार्य कराया जा रहा है। यह भवन देखने में काफी आकर्षक होगा। मरीजों की हर सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इलाज से लेकर दवा व जांच तक की सुविधा एक ही भवन में मिलेगी।
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डा. कुमार वीरेंद्र, सिविल सर्जन
----------- भवन निर्माण के लिए पहली किस्त 32 करोड़ रुपये मिल गया है। बेहतर भवन निर्माण कार्य कराया जा रहा है। दो वर्ष में कार्य पूरा करा लिया जाएगा।
- डा. कुमार मनोज, डीपीएम जिला स्वास्थ्य समिति
----------- नियम के अनुरूप नक्शा नहीं बना है। नक्शा में कहीं भी पार्किंग नहीं है। चिकित्सक से लेकर मरीज व स्वास्थ्य कर्मियों के वाहन कहां खड़े होंगे यह तय नहीं है। पानी निकासी के लिए नक्शा में नहीं दर्शाया गया है। पहले इसका समाधान होना चाहिए।
- डा. विकास कुमार, उपाधीक्षक सदर अस्पताल