7400 किसानों से 66 हजार मीट्रिक टन धान की खरीदारी

औरंगाबाद। धान क्रय में तेजी नहीं आ रही है। प्रतिदिन किसानों से 2500 से 3000 मीट्रिक टन धान की खरीदारी हो रही है। अगर स्थिति यही रही तो खरीद का लक्ष्य पूरा नहीं होगा। कारण जिले में तीन लाख एमटी धान खरीदारी का लक्ष्य रखा गया है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 14 Jan 2021 06:38 PM (IST) Updated:Thu, 14 Jan 2021 06:38 PM (IST)
7400 किसानों से 66 हजार मीट्रिक टन धान की खरीदारी
7400 किसानों से 66 हजार मीट्रिक टन धान की खरीदारी

औरंगाबाद। धान क्रय में तेजी नहीं आ रही है। प्रतिदिन किसानों से 2500 से 3000 मीट्रिक टन धान की खरीदारी हो रही है। अगर स्थिति यही रही तो खरीद का लक्ष्य पूरा नहीं होगा। कारण, जिले में तीन लाख एमटी धान खरीदारी का लक्ष्य रखा गया है। जिला सहकारिता पदाधिकारी श्रीन्द्र नारायण ने बताया कि गुरुवार को करीब 2500 एमटी धान की खरीदारी हुई है। अब तक जिले में 7400 किसानों से करीब 66,000 मीट्रिक टन धान की खरीदारी की गई है। बताया कि गांवों में किसानों को क्रय केंद्र पर धान बेचने के लिए जागरूक किया जा रहा है। किसानों की शिकायत का त्वरित निष्पादन हो रहा है। जो किसान क्रय केंद्र पर धान बेचना चाहते हैं परंतु पैक्स या व्यापार मंडल के द्वारा खरीदारी नहीं की जा रही है वैसे किसान हमसे शिकायत कर सकते हैं। धान क्रय का सरकारी दर 1868 रुपये प्रति क्विटल है। ओबरा प्रखंड में हुई सबसे अधिक खरीदारी

धान क्रय के मामले में ओबरा प्रखंड नंबर-1 है। यहां अब तक 10,500 मीट्रिक टन धान की खरीदारी हुई है। डीसीओ श्रीन्द्र नारायण ने बताया कि धान क्रय के मामले में रफीगंज प्रखंड दूसरे पायदान पर है। यहां अब तक किसानों से 7500 एमटी धान क्रय किया गया है। दाउदनगर में 7,000 एमटी धान की खरीदारी की गई है। उन्होंने बताया कि धान क्रय के मामले में सबसे पीछे मदनपुर प्रखंड है। यहां 3,400 एमटी धान क्रय की गई है। हसपुरा में 4300 एमटी धान खरीदे गए हैं। धान क्रय में तेजी लाने का निर्देश प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी को दिया गया है। 31 जनवरी तक होनी है धान की खरीदारी

धान क्रय के अब मात्र 17 दिन रह गए हैं। सरकार ने किसानों से धान क्रय की सीमा 31 जनवरी तय की है। खरीद की रफ्तार कम होने के कारण लक्ष्य पूरा होता नहीं दिख रहा है। अब तक किसी भी प्रखंड में लक्ष्य के अनुसार धान की खरीदारी नहीं हुई है। किसान धान बेचने को बेचैन हैं परंतु क्रय केंद्र पर खरीदारी नहीं हो रही है। ओबरा प्रखंड के चंदा पैक्स से जुड़े रामइंजारे पांडेय, जयराम पांडेय एवं गजेंद्र पांडेय ने बताया कि पैक्स के द्वारा धान क्रय नहीं किया जा रहा है। हमलोगों ने व्यापारी के हाथ धान बेच दिया है।

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