मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना से खरीदे जाएंगे 22 एंबुलेंस

सरकार के आदेश पर मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना के तहत जिले में 22 एंबुलेंस खरीदे जाएंगे। एंबुलेंस खरीदारी की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है। परिवहन विभाग को अब तक 18 आवेदन प्राप्त हुआ है। जिला परिवहन पदाधिकारी अनिल कुमार सिन्हा ने शुक्रवार को बताया कि आवेदन की अंतिम तिथि 16 मई है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 14 May 2021 08:13 PM (IST) Updated:Fri, 14 May 2021 08:13 PM (IST)
मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना से खरीदे जाएंगे 22 एंबुलेंस
मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना से खरीदे जाएंगे 22 एंबुलेंस

जागरण संवाददाता, औरंगाबाद : सरकार के आदेश पर मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना के तहत जिले में 22 एंबुलेंस खरीदे जाएंगे। एंबुलेंस खरीदारी की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है। परिवहन विभाग को अब तक 18 आवेदन प्राप्त हुआ है। जिला परिवहन पदाधिकारी अनिल कुमार सिन्हा ने शुक्रवार को बताया कि आवेदन की अंतिम तिथि 16 मई है। जो लोग एंबुलेंस खरीदना चाहते हैं वे कल तक आवेदन दे सकते हैं। बताया कि सभी प्रखंडों में दो-दो एंबुलेंस खरीदे जाएंगे। इसका लाभ अनुसूचित जाति, जनजाति एवं अत्यंत पिछड़ा वर्ग के लोग ले सकते हैं। एंबुलेंस की खरीद पर सरकार ने 50 प्रतिशत परंतु अधिकतम दो लाख रुपये अनुदान देगी। प्रखंडों में एंबुलेंस उपलब्ध होने से आमजन को लाभ मिलेगा। सरकार की सोच है कि दूरस्थ आबादी को तभी एंबुलेंस उपलब्ध हो पाएगा जब गांवों में लोग इसे रखेंगे। डीटीओ ने बताया कि मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना के अंतर्गत अब कुल प्राप्त लक्ष्य 1428 के विरुद्ध 1223 लाभुकों को अनुदान का लाभ दिया गया है। इस योजना में बिहार का स्थान पहले नंबर है। राजस्व संग्रहण में पहले स्थान पर

जिला परिवहन विभाग राजस्व वसूल के मामले में बिहार में प्रथम स्थान पर है। डीटीओ अनिल कुमार सिन्हा ने बताया कि जिले को वित्तीय वर्ष 2020-21 में सरकार ने 42.60 करोड़ लक्ष्य दिया था जिसे पूरा करते हुए 42.95 करोड़ वसूली की गई थी। यानि की लक्ष्य का 100 प्रतिशत। इसी तरह बस स्टॉप निर्माण में औरंगाबाद बिहार में पहले पायदान पर रहा। औरंगाबाद में सरकार ने 14 बस स्टॉप निर्माण का लक्ष्य दिया था जिसे पूरा कर लिया गया। सड़क सुरक्षा सप्ताह के तहत अभियान चलाकर लोगों को जागरूक किया गया। प्रदूषण जांच केंद्र अधिष्ठापन में भी पहला स्थान

प्रदूषण जांच केंद्र अधिष्ठापन के मामले में भी औरंगाबाद बिहार में पहले स्थान पर है। डीटीओ ने बताया कि जिले के सभी 11 प्रखंडों में प्रदूषण जांच केंद्र कार्य कर रहा है। अब तक बिहार में दो हीं जिला प्रदूषण जांच केंद्र अधिष्ठापन के मामले में 100 प्रतिशत लक्ष्य हासिल किया है। सबसे पहले औरंगाबद और अब किशनगंज। भारी वाहन प्रशिक्षण योजना के तहत सरकार ने जिले को 50 का लक्ष्य दिया था जिसे हासिल कर लिया गया। इसके अलावा वाहन जांच के मामले में भी अधिकारी सक्रिय रहते हैं।

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