सेना के जवान अनूप का पार्थिव शरीर पहुंचा गांव

अरवल। अरुणाचल प्रदेश में सेना के सूबेदार पद पर कार्यरत दिवंगत जवान अनूप कुमार का शव जैसे ही जिले की सीमा में प्रवेश किया काफिले में लोग शामिल होते चले गए। हालात यह रहा कि किजर से कुर्था बाजार तक सेना के वाहन में ताबूत में रखे दिवंगत जवान का शव पहुंचने में तीन घंटे का समय लग गया।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 03 Dec 2021 12:03 AM (IST) Updated:Fri, 03 Dec 2021 12:03 AM (IST)
सेना के जवान अनूप का पार्थिव शरीर पहुंचा गांव
सेना के जवान अनूप का पार्थिव शरीर पहुंचा गांव

अरवल। अरुणाचल प्रदेश में सेना के सूबेदार पद पर कार्यरत दिवंगत जवान अनूप कुमार का शव जैसे ही जिले की सीमा में प्रवेश किया काफिले में लोग शामिल होते चले गए। हालात यह रहा कि किजर से कुर्था बाजार तक सेना के वाहन में ताबूत में रखे दिवंगत जवान का शव पहुंचने में तीन घंटे का समय लग गया। तिरंगे झंडे के साथ आगे-आगे चल रहे लोग भारत मां की जयकारे के साथ-साथ जब तक सूरज चांद रहेगा शहीद अनूप तेरा नाम रहेगा का नारा लगा रहे थे। जिसे जहां जगह मिल रहा था वहीं से अपने वीर सपूत के पार्थिव शरीर का दर्शन कर श्रद्धा का पुष्प अर्पित कर रहे थे। सड़क पर तिल रखने की भी जगह नहीं थी। बड़ी संख्या में लोग मोटरसाइकिल से तो कई लोग पैदल ही वीर सपूत के शव यात्रा में शामिल हो गए थे। लोग अपने अपने छतों पर से भी शहीद को नमन कर रहे थे। जिस मिट्टी में जन्म लेकर अनूप सेना के जवान बने थे उस गांव निघवां का हाल तो बदरंग था। ग्रामीणों को अपने लाडले को खोने का गम था। जैसे ही वीर सपूत का पार्थिव शरीर गांव में प्रवेश किया भावनाओं का समंदर उमड़ने लगा। देशभक्ति और भावनाओं के बीच गांव की गलियां वीर सपूत के सम्मान में जयकारे से गूंज मान हो गया।

युवाओं ने किजर थाना के पास भव्य तिरंगा यात्रा निकाला। मोतेपुर बाजार और कुर्था में सड़क किनारे स्थित मकान के छतों से पुष्प की बारिश कर श्रद्धांजलि दी गयी। वही प्रखंड क्षेत्र के खैरा बाजार, राणा नगर , कैथालोदीपुर, मखदुमपुर आदि जगहों पर ग्रामीणों ने सेना के दिवंगत जवान को सम्मान दिया। आधे किलोमीटर से भी अधिक तिरंगा यात्रा व उनके पीछे दो पहिया वाहन पर सवार हाथ में तिरंगा लिए हजारों की संख्या में युवकों की टोली तथा विभिन्न वाहनों से क्षेत्र के प्रबुद्ध नागरिक शव वाहन के साथ चल रहे थे। गांव पहुंचते एक झलक पाने के लिए आम लोगों मे बेताबी दिख रही थी। जो जहां थे उनकी आंखें नम थी। थोड़ी देर के लिए उनके शव को अंतिम दर्शन के लिए रखा गया और इसके बाद उनका शव आवश्यक विधि विधान के बाद गांव के ही श्मशान में अंतिम संस्कार के लिए लाया गया। साथ आए जवानों ने उन्हें मातमी धुन के बाद सलामी दी। मुखाग्नि बड़े बेटे अंकित ने दी। शव यात्रा में शामिल थे कई जनप्रतिनिधि

शव यात्रा में रामाधार सिंह, जिप सदस्य रंजन कुमार यादव , महेश यादव , पप्पू वर्मा, संतोष कुमार यादव अहमदपुर हरना पंचायत के मुखिया अमरेंद्र शर्मा , प्रखंड विकास पदाधिकारी डा.जियाउलहक , रवि प्रकाश ,सुमंत कुमार,नरेंद्र सिंह, रामाशीष दास, सुरेंद्र सिंह, सुनील यादव, मंटू कुशवाहा, राम दीप यादव, राबिस कुमार सहित विभिन्न संगठनों से जुड़े नेता,कार्यकर्ता , प्रबुद्ध नागरिक तथा स्थानीय प्रशासन के अधिकारी शामिल थे।

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