अरवल में पुनपुन नदी के तट पर किया पिडदान
अरवल। लाकडाउन के कारण दो वर्षों तक किजर में पिडदानियों के आने पर पूर्णत प्रतिबंध था। पितृपक्ष के पहले अनंत चतुर्दशी के दिन रविवार को बिहार ही नहीं बल्कि राजस्थान उत्तर प्रदेश मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ झारखंड उत्तराखंड सहित कई राज्यों से बड़ी संख्या में पिडदानी पितरों की मोक्ष प्राप्ति की कामना लेकर किजर पुनपुन नदी घाट पर पहुंचे।
अरवल। लाकडाउन के कारण लगातार दो वर्षों तक किजर में पिडदानियों के आने पर पूर्णत: प्रतिबंध था। पितृपक्ष के पहले अनंत चतुर्दशी के दिन रविवार को बिहार ही नहीं बल्कि राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, उत्तराखंड सहित कई राज्यों से बड़ी संख्या में पिडदानी पितरों की मोक्ष प्राप्ति की कामना लेकर किजर पुनपुन नदी घाट पर पहुंचे। श्रद्धालु सिर मुंडन कराकर विधिपूर्वक प्रथम पिडदान का श्राद्ध कर्म संपन्न किया। किजर में पिडदान करने के बाद सभी श्रद्धालु गया जी धाम के लिए प्रस्थान कर गए। यह सिलसिला सुबह से देर शाम तक जारी रहा। इस मौके पर दिल्ली से विपिन अग्रवाल, राजस्थान से कपिल शर्मा, भादोगढ़ दिल्ली से राजेश कुमा,र सिघल पीतल किवाड़ दिल्ली से सुनील गोयल, कटिहार से भूषण प्रसाद अग्रवाल, गया से संजय द्विवेदी, तरुण पांडे, चंद्र भूषण पांडे, चंदन पांडे, राजस्थान सीकर खाटू श्याम धाम से भगवान सहाय, गुजरात से मित्तल परिवार आदि ने सपरिवारर के साथ किजर आकर श्रद्धा पूर्वक पिडदान किया। पितृ पक्ष के मौके पर पुरुष पिडदानयों ने प्रथम पिडदान करने के पहले अपना अपना सिर दाढ़ी का मुंडन कराया। श्रद्धालुओं ने दर्जनों नाइयों से बाल दाढ़ी मुंडन कराकर मुंह मांगा पैसा भी नाइयो को दिया। फल फूल पूजन सामग्री की बिक्री करने वाले दर्जनों दुकानें खुली थी। जूस,पानी, चाय, पकौड़े की दुकानों की अच्छी बिक्री हुई। कई लोग साफ सफाई में भी लगे थे। उन्हें भी पिडदानी मनमाना पैसा दिया। अंत में किजर ग्राम के दर्जनों पुरोहितों को दक्षिणा में पैसा फल वस्त्र आदि श्रद्धालु दान किया। वाहनों का लगा रहा काफिला
देश के कोने-कोने से किजर पुनपुन नदी घाट पर प्रथम पिडदान करने के लिए आने वाले पिडदानी सैकड़ों चार चक्का वाहनों से किजर नदी घाट आए। इस मौके पर एनएच 110 से सूर्य मंदिर परिसर तक सैकड़ों चार चक्का लग्जरी वाहनों का काफिला लगा रहा।