कोरोना-2 को हल्के में ले रहे लोग, मास्क पहनना नहीं समझते जरूरी

अरवल कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ग्रामीण इलाकों को ज्यादा प्रभावित कर रही है। प्रखंड

By JagranEdited By: Publish:Mon, 12 Apr 2021 11:31 PM (IST) Updated:Mon, 12 Apr 2021 11:31 PM (IST)
कोरोना-2 को हल्के में ले रहे लोग, मास्क पहनना नहीं समझते जरूरी
कोरोना-2 को हल्के में ले रहे लोग, मास्क पहनना नहीं समझते जरूरी

अरवल

कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ग्रामीण इलाकों को ज्यादा प्रभावित कर रही है। प्रखंड क्षेत्र में फिलहाल कोरोना के 55 एक्टिव मरीज हैं। इतनी बड़ी संख्या में संक्रमण का प्रसार इस इलाके में है। ऐसे में बचाव को लेकर प्रशासन द्वारा जारी गाइडलाइन का अनुपालन भी यहां बेहतर तरीके से किए जाने की जरूरत है। लेकिन प्रखंड मुख्यालय के बाजार में जिस तरह से निर्देशों की धज्जियां उड़ रही है। उससे तनिक भी यह एहसास नहीं होता है कि बढ़ते संक्रमण के प्रति लोग कहीं से भी सजग हैं। जिला प्रशासन के निर्देश के बावजूद भी इस बाजार में संध्या सात बजे के बाद भी दुकानें खुली रह रही है। लोग भी आवश्यक सामग्रियों की खरीदारी गाइडलाइन के निर्देशों की अवहेलना कर कर रहे हैं। आम दिनों की तरह ही देर शाम तक प्रखंड मुख्यालय गुलजार रहा है। बढ़ते संक्रमण के बीच जब दैनिक जागरण की टीम बाजार की स्थिति की जानकारी हासिल करने को निकली तो लोगों की लापरवाही का आलम हर ओर देखा जा रहा था। जिस तरह से गाइडलाइन की अवहेलना लोग कर रहे थे। उससे कोरोना के चेन को मजबूती मिलने की हरसंभव संभावना नजर आ रही थी। संध्या 6:00 बजे

मौसम खुशगवार था। दिन भर की गर्मी व धूप से संध्या बेला में निजात मिल रहा था। ऐसे में लोग बाजार में चहल कदमी कर रहे थे। किसी को सामानों की खरीदारी करनी थी तो कई लोग यूं ही मूड फ्रेश करने के उद्देश्य से बाजार की ओर निकले थे। इक्के दुक्के लोग हीं मास्क का उपयोग कर रहे थे। बिना मास्क के सब्जी बेच रहे रवि शंकर का कहना था पिछली बार जब कोरोना आया था तब काफी सख्ती थी। इस बार ऐसी कोई बात नहीं है। गुलाब बाग निवासी प्रदीप का कहना था कि यहां मास्क की कोई जरूरत नहीं पड़ती है। कोई रोकने टोकने वाला नहीं है। यानी स्थिति साफ था की प्रशासन की सख्ती यदि नहीं है,तो फिर कोरोना से बचाव की कोई जरूरत लोग महसूस नहीं कर रहे हैं। संध्या 7:00 बजे

गाइडलाइन के अनुसार दुकानों को बंद करने का समय हो गया था। लेकिन यहां दुकानें बंद होने की बजाय बाजार में गहमा गहमी और बढ़ती जा रही थी। दुकानदारों का कहना था कि प्रशासनिक अधिकारी बंद कराने आएंगे तब देखा जाएगा। अभी हम लोगों को कोई रोक नहीं रहे हैं। दरअसल गाइडलाइन की सुधि लेने को लेकर एक भी पुलिसकर्मी बाजार में सक्रिय नहीं थी। यहां कोई प्रचार प्रसार इस तरह से नहीं किए जा रहा हैं, जिससे दुकानदारों में गाइडलाइन के प्रति जागरूकता का भाव उत्पन्न हो सके। समय संध्या 7:15

बाजार में वही भीड़, सब्जी की खरीदारी, अंडे की दुकान पर लगा जमघट तथा चाय पान की दुकानों पर लोगों की बड़ी-बड़ी बातें आम दिनों की तरह ही जारी था। बाजार की चाय दुकान पर कोरोना की भी बातें हो रही थी। बातचीत के दरम्यान लोग बढ़ते संक्रमण को देख चितित नजर आ रहे थे। सेवानिवृत्त शिक्षक अपने जमाने की बातों को दोहराते हुए कह रहे थे कि हम लोग के समय खानपान स्वच्छ होता था जिससे बीमारियों से लड़ने की क्षमता रहती थी। लेकिन इस ज्ञानवर्धक चर्चा के बीच संक्रमण से बचाव की सक्रियता का नहीं होना काफी निराशाजनक स्थिति प्रदर्शित कर रहा था।

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