मॉडल भवन में संचालित होगा परियारी बुनियादी विद्यालय

अरवल। महात्मा गांधी के विचारों से प्रेरित होकर 1950 में स्थापित बुनियादी विद्यालय में संसाधनों की कमी इसके लक्ष्य को आईना दिखा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 18 Dec 2018 12:50 AM (IST) Updated:Tue, 18 Dec 2018 12:50 AM (IST)
मॉडल भवन में  संचालित होगा परियारी बुनियादी विद्यालय
मॉडल भवन में संचालित होगा परियारी बुनियादी विद्यालय

अरवल। महात्मा गांधी के विचारों से प्रेरित होकर 1950 में स्थापित बुनियादी विद्यालय में संसाधनों की कमी इसके लक्ष्य को आईना दिखा रहा है। लेकिन राजकीय बुनियादी विद्यालय परियारी में जिस तरह से हाईटेक भवन उपलब्ध है उसे देखकर तो यह कहा जा सकता है कि अब इसके दिन बहुरने लगे हैं। हालांकि जो हाईटेक भवन बनाया गया है वह बुनियादी विद्यालय के उद्देश्य से नहीं बनाया गया था। इसका निर्माण शिक्षा प्रोजेक्ट के तहत डेढ़ करोड़ रुपए की लागत से इसी परिसर में किया गया था। इसके तहत अत्याधुनिक मॉडल भवन का निर्माण कराया गया है। इस भवन में आवासीय विद्यालय , ग‌र्ल्स हॉस्टल, रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण के अलावा मध्य विद्यालय को उत्क्रमित कर प्लस टू विद्यालय में परिणत करने की योजना थी। भवन निर्माण का कार्य पूरा होने के उपरांत केंद्र सरकार के असहयोगात्मक रवैये के कारण यह प्रोजेक्ट मुकाम तक नहीं पहुंच सका। तब राज्य सरकार ने इसे बुनियादी विद्यालय को सौंप दिया। बदहाल बुनियादी विद्यालय के लिए यह किसी सौगात से कम नहीं है। इस हाईटेक दो मंजिले भूकंपरोधी भवन में विद्यार्थियों के लिए कई तरह की सुविधाएं प्रदान की गई है। इस भवन में छात्र-छात्राओं के लिए तीन अलग-अलग कॉमन रुम, विज्ञान प्रयोगशाला, पुस्तकालय, कम्प्यूटर कक्ष, आर्ट एंड क्राफ्ट कक्ष के अलावा 10 शौचालय, छह यूरिनल, दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए एक शौचालय तथा पेयजल की सुविधा के साथ-साथ दिव्यांगों के लिए रैंप का भी निर्माण किया गया है। हालांकि इस नए भवन में विद्यार्थियों के लिए एक ब्लैकबोर्ड का निर्माण नहीं कराया गया है। वर्ग कक्ष में ब्लैकबोर्ड बन जाने के उपरांत यहां विधिवत रुप से बुनियादी विद्यालय के बच्चों की कक्षाएं आयोजित की जाएगी। इसे लेकर आवश्यक बेंच डेस्क भी विभाग के द्वारा उपलब्ध करा दिया गया है। जिस तरह से नए भवन को आधुनिक तरीके सुसज्जित किया गया है। उससे यहां गुणवतापूर्ण व्यवस्था के सभी माप दंड पूरे होते हैं। इतना ही नहीं इस भवन में विज्ञान प्रयोगशाला तथा पुस्तकालय के लिए अलग व्यवस्थित कमरे भी हैं। एक कमरे को प्रधानाध्यापक कक्ष के रुप मे बनाया गया है। वहीं उपप्रधानाध्यापक तथा शिक्षकों के लिए अलग से कक्ष निर्धारित किए गए हैं। फिलहाल इस विद्यालय में प्रथम से अष्टम वर्ग के बच्चों की कक्षा आयोजित होती है। यहां 588 बच्चे नामांकित हैं। इस परिसर में एक संकूल तथा एक आंगनबाड़ी केंद्र भी संचालित होता है। क्या कहते हैं प्रधानाध्यापक इस बड़े भवन में विद्यालय के संचालन होने से यहां के बच्चे भी काफी उत्साहित हैं। नए भवन में सभी आधुनिक सुविधा उपलब्ध है। फिलहाल ब्लैकबोर्ड बनाने का कार्य चल रहा है।विद्यालय की जमीन का लगातार हो रहे अतिक्रमण से हमलोग काफी परेशान हैं। हालांकि इसकी सूचना वरीय अधिकारियों को भी दी गई है।

संजय कुमार सिन्हा

फोटो-32

chat bot
आपका साथी