कर्म तय करता मनुष्य के जीवन का लक्ष्य

अरवल। प्रखंड क्षेत्र के बख्तारी गांव में ब्रह्मेश्वर महादेव प्राण प्रतिष्ठा पर आयोजित कार्यक्रम में श्रद्धालु भक्ति रस में डूबे रहे।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 08 Mar 2021 10:03 PM (IST) Updated:Mon, 08 Mar 2021 10:03 PM (IST)
कर्म तय करता मनुष्य के जीवन का लक्ष्य
कर्म तय करता मनुष्य के जीवन का लक्ष्य

अरवल। प्रखंड क्षेत्र के बख्तारी गांव में ब्रह्मेश्वर महादेव प्राण प्रतिष्ठा पर आयोजित कार्यक्रम में श्रद्धालु भक्ति रस में डूबे रहे। यज्ञ स्थल की परिक्रमा करने दूर-दूर से श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। यहां भजन-कीर्तन और कथा वाचन चल रहा है। सुबह से दोपहर तक श्रद्धालुओं की भीड़ हवन कुंड तथा मंदिर की परिक्रमा करने में लगी हुई रहती है। उधर चतुर्भुज आचार्य स्वामी जी महाराज के द्वारा भागवत कथा का पाठ भी किया जा रहा है। जिससे सुनने के लिए लोगों की भीड़ जुट रही है। इन्होंने श्रद्धालुओं को अमृतवाणी का रसपान कराते हुए कहा कि कर्म ही मनुष्य के जीवन को निर्धारित करता है ।जो जैसा कर्म करेगा वैसा फल उसको मिलेगा। हमारे पौराणिक ग्रंथों में इन बातों का उल्लेख उदाहरण के साथ किया गया है। हम अपने कर्म से विमुख होते जा रहे हैं। उसी का परिणाम है कि समाज में कई प्रकार की विकराल समस्याएं उठ रही है। सामाजिक ताना-बाना अस्त व्यस्त होता जा रहा है। भारतीय संस्कृति पूरे विश्व में अग्रणी मानी जाती थी। इस संस्कृति पर पाश्चात्य प्रभाव पड़ने के कारण हमारे परिवार बिखर रहे हैं। समाज में सच्चा सुख तभी मिलेगा जब समाज में रहने वाले परिवार के लोग संस्कारी बने। बड़ों का कद्र करें, स्वामी विवेकानंद ने भारतीय संस्कृति की व्याख्या कर पूरे विश्व में लोकप्रिय हो गए । सभी धर्म के लोगों ने हिदू सनातन धर्म का लोहा माना था। आज जरूरत इस बात की है कि समाज में श्रीमद् भागवत कथा तथा श्री राम चरित्र मानस के आधार पर व्यक्ति अपने संस्कार का निर्माण करें ।

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