आठ से दस दिन में मिल रही जांच रिपोर्ट

अरवल। आरटीपीसीआर से कोरोना की जांच कराने के बाद रिपोर्ट आने में आठ से दस दिन लग जा र

By JagranEdited By: Publish:Tue, 11 May 2021 10:06 PM (IST) Updated:Tue, 11 May 2021 10:06 PM (IST)
आठ से दस दिन में मिल रही जांच रिपोर्ट
आठ से दस दिन में मिल रही जांच रिपोर्ट

अरवल। आरटीपीसीआर से कोरोना की जांच कराने के बाद रिपोर्ट आने में आठ से दस दिन लग जा रहा है। ऐसे में जिनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आता वे लोग तब तक कई लोगों के संपर्क में आ जाते हैं जिससे कई लोग संक्रमित हो जा रहे हैं। हालांकि सैंपल संग्रह के बाद स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी लोगों को घर में क्वारंटाइन में तब तक रहने के लिए मैसेज भेजा जाता है जब तक की जांच रिपोर्ट नहीं मिल जाए। सैंपल देने के बाद लोगों में विश्वास हो जाता है कि वे पॉजिटिव नहीं है और जिसके कारण अपने घर के अन्य परिवार के सदस्यों के साथ साथ गांव के लोगों में भी संक्रमण फैला देते हैं। ऐसा उदाहरण हसनपुर पिपरा गांव में देखने को मिल रहा है। तीन मई को शिविर लगाकर कोरोना की जांच की गई थी। जिसमें 60 से अधिक लोगों का सैंपल

आरटीपीसीआर के लिए संग्रह किया गया था तथा संग्रहित सैंपल को छह मई को सुबह जांच के लिए पटना भेजा गया। आठ मई को किसी-किसी व्यक्ति के मोबाइल पर पॉजिटिव का मैसेज आया। 9 मई को 22 लोगों के मोबाइल पर पॉजिटिव होने का मैसेज आया। ऐसे में अब सभी ग्रामीणों की जांच जरूरी हो गई है। अधिक संख्या में संक्रमित मिलते ही गांव को हॉट स्पॉट तो जरूर बना दिया गया लेकिन प्रशासनिक स्तर से गांव की गलियों को बांस बल्ला से अवरुद्ध नहीं किया जा सका। सामान्य दिनों की तरह लोगों का आना जाना हो रहा है। बाहर के लोग भी गांव में प्रवेश कर रहे हैं तथा गांव के लोग भी नजदीक के बाजार में खरीद बिक्री के लिए पहुंच रहे हैं। संक्रमण पर रोकथाम की दिशा में प्रशासन द्वारा कोई कारगर पहल नहीं किया जा रहा है। अमरा पंचायत के मुखिया राजेश कुमार स्वास्थ्य विभाग से गांव में शिविर लगाकर संक्रमित व्यक्ति के सभी परिवार के सदस्यों को तथा संपर्क में आने वाले को चिन्हित कर जांच कराने की मांग की है ताकि संक्रमण पर रोक लगाई जा सके। प्रतिबंधित क्षेत्र का बैनर लगाया गया है। एक दो दिन के अंदर पूरे गांव को सैनिटाइज कराया जाएगा।

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