मां दुर्गा की प्रतिमाओं का किया विसर्जन

अरवल। शक्ति की देवी मां दुर्गे की पूजा धूमधाम से संपन्न हुई। इस अवसर पर भिन्न भिन्न जगहों में मा

By JagranEdited By: Publish:Tue, 27 Oct 2020 09:48 PM (IST) Updated:Tue, 27 Oct 2020 09:48 PM (IST)
मां दुर्गा की प्रतिमाओं का किया विसर्जन
मां दुर्गा की प्रतिमाओं का किया विसर्जन

अरवल। शक्ति की देवी मां दुर्गे की पूजा धूमधाम से संपन्न हुई। इस अवसर पर भिन्न भिन्न जगहों में मां दुर्गे की पूजा बड़े ही उत्साह से की गई। गौरतलब हो कि मां दुर्गे की पूजा प्रखंड के मेहंदिया, पहलेजा ,जयपुर, इन तीन ग्रामों में विशेष तौर पर की जाती है। इन ग्रामों में मां दुर्गे की पूजा विगत 70 वर्षों से की जा रही है। इन जगहों की पूजा की भव्यता को लेकर अरवल ही नहीं बल्कि सीमावर्ती कई जिले के लोग यहां के दुर्गा पूजा में आते थे। इस बार कोरोना महामारी को लेकर इन जगहों में कोई विशेष आयोजन नहीं किया गया। जिसको लेकर पंडालों में उदासी छाई रही। कोरोना का असर दुर्गा पूजा में भी देखा गया। दुर्गा पूजा को लेकर मेहंदिया में अखंड कीर्तन का आयोजन किया गया था उसको भी स्थानीय प्रशासन द्वारा स्वीकृति नहीं दी गई ।लेकिन आस्था का यह महापर्व लोगों के बीच अपनी आस्था जताने में सफल रहा। रविवार के दिन हो रहे दशहरा पर्व में काफी संख्या में लोग इस जगह पर एकत्र होकर मां दुर्गे की पूजा किए। लोगों की इतनी संख्या थी कि दोपहर बाद से रात्रि आठ बजे तक मेहंदिया उसरी पथ में जाम जैसा दृश्य बना रहा। आज इन सभी जगहों की प्रतिमाओं का विसर्जन शांतिपूर्वक एवं सादगी पूर्वक किया गया। विसर्जन के दिन भी लोगों में काफी उल्लास देखा जाता था। ढोल बाजे पर नाचते थिरकते लोग चवन ऋषि के जन्मस्थली मधुश्रवां तक जाते थे और वहां जाकर उस तालाब में मां दुर्गे की प्रतिमा का विसर्जन करते थे। लेकिन कोरोना का कहर सिर्फ पूजा तक ही नहीं दिखा बल्कि विसर्जन में भी देखा गया। प्रशासनिक दबाव के कारण लोग पहले सुबह ही विसर्जन करने के लिए बाध्य हो गए और वह भी बिना गाजे-बाजे के साथ विसर्जन कब हुआ बहुत से भक्त समझ तक नहीं पाए। जब दोपहर बाद वह पंडाल तक आए तो पता चला कि मां दुर्गे की प्रतिमा का विसर्जन सुबह में ही हो चुका है। यानी यह कहे कि कोरोना हर चीज को प्रभावित किया है चाहे वह है श्रद्धा के साथ किया जाने वाला दुर्गा पूजा हो या अन्य कोई पर्व त्योहार। कुल मिला जुला कर दुर्गा पूजा का पर्व कलेर प्रखंड में शांतिपूर्वक संपन्न हो गया।

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