बारिश के मौसम में अस्थमा के अटैक की रहती है आशंका

जहानाबाद जिले में कोरोना संक्रमित एक्टिव मरीजों की संख्या 300 से पार हो गई है। प्रशासन की सख्ती के बाद भी लोग संक्रमण के प्रति सतर्कता कम लापरवाही ज्यादा दिखा रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 05 Aug 2020 10:06 PM (IST) Updated:Thu, 06 Aug 2020 07:13 AM (IST)
बारिश के मौसम में अस्थमा के अटैक की रहती है आशंका
बारिश के मौसम में अस्थमा के अटैक की रहती है आशंका

अरवल : कोरोना काल में अस्थमा के मरीज को पूरी तरह सतर्कता के साथ रहने द की जरूरत है। इसे लेकर चिकित्सकों द्वारा आवश्यक जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है। प्रखंड के स्वास्थ्य कर्मियों ने बताया कि सावधान नहीं रहने पर कोरोना के चपेट आने की भी प्रबल संभावना बनी रहती है। कोरोना में महामारी दौर के अलावे बरसात का मौसम भी शुरू हो है। साथ ऐसे में अस्थमा के रोगियों को के विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है, क्योंकि ऐसे समय में अस्थमा के अटैक की आशंका बढ़ जाती है। थोड़ी से सावधानी बरतने पर इसका मुकाबला किया जा सकता है। अस्थमा मरीजों को सतर्कता जरूरी

कलेर पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी नंद बिहारी शर्मा बताते हैं कि इस मौसम में बढ़ी हुई उमस के कारण फंगस में बढ़ोत्तरी हो जाती है। इससे अस्थमा के अटैक की आशंका बढ़ती है. बारिश के कारण वायु प्रदूषण में बढ़ोत्तरी हो जाती है। जो अस्थमा के रोगियों के लिए नुकसानदेह है। साथ ही मॉनसून के कुछ वायरल इंफेक्शन भी बढ़ जाते है, इससे भी अस्थमा की समस्या बढ़ती है। दवा का नियमित सेवन करें

अस्थमा के रोगियों को दवा का नियमित सेवन करना चाहिए. अधिकांश अस्थमा के पीड़ित मरीज दवाएं लेते हैं। अस्थमा से पीड़ित नियमित रूप से दवा लेते रहे तो खतरा कम होगी। डॉक्टर ने अगर नियमित दवा खाने के लिए कहा है तो लापरवाही न बरतें और इस पर अमल करें। दवा का एक भी डोज छूटे नहीं। खाने में हल्की चीजों का करें इस्तेमाल

अस्थमा के रोगियों को खाने में हल्की चीजों का इस्तेमाल करना चाहिए, दोपहर और रात के खाने में कच्ची सब्जियां और टमाटर, गाजर और सलाद का इस्तेमाल करें। अस्थमा के रोगियों को तनाव से बचने का प्रयास करना चाहिए, इन सभी के कारण अस्थमा अटैक आने का खतरा सबसे ज्यादा होता है. इनके लिए इन्हेलर का भी बेहतर विकल्प है।

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