रबी बीज उपचार को ले जागरूकता रथ रवाना
अरवल कृषि विभाग द्वारा बीज टीकाकरण अभियान के तहत शुक्रवार को बीज उपचार कराने को लेकर जागरूकता रथ रवाना किया गया।
अरवल : कृषि विभाग द्वारा बीज टीकाकरण अभियान के तहत शुक्रवार को बीज उपचार कराने को लेकर जागरूकता रथ रवाना किया गया। कृषि पदाधिकारी विजय कुमार द्विवेदी एवं सहायक निदेशक पौधा संरक्षण सह आत्मा के परियोजना निदेशक आत्मा राजीव कुमार रजक द्वारा संयुक्त रूप से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। सहायक निदेशक ने कहा कि अधिक फसल के उत्पादन के लिए किसानों को बुआई के पहले सावधानी बरतने की आवश्यकता है। बीज का उपचार आवश्यक कराएं। रबी फसल की अच्छी पैदावार के लिए सरकार के द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहा है। रथ के माध्यम से गांवों में भ्रमण कर किसानों को बुआई के पूर्व बीज का उपचार करने के लिए जागरूक किया जाएगा। दलहन, मक्का, तिलहन, गेहूं आदि रबी का भी उपचार करने की विधि भी बताई जाएगी। बीज उपचार की विधि:
गेहूं के बीज में फफूंद जनित रोग से निजात के लिए कार्बेंडाजिम 50 प्रतिशत, घुलनशील चूर्ण दो ग्राम या ट्राइकोडरमा पांच ग्राम, कार्बोक्सीन 75 प्रतिशत दो ग्राम प्रति किलो बीज की दर से बीज का उपचार करना चाहिए। मक्का बीज को फफूंद जनित रोग से बचाने के लिए बीज का उपचार करना आवश्यक है। इसके लिए कार्बेंडाजिम 50 प्रतिशत घुलनशील चूर्ण दो ग्राम या टाई कोडरमा पांच ग्राम प्रति किलो की दर से बीज का उपचार करना चाहिए। मिट्टी जनित कीट के लिए क्लोरपाईरिफास 20 प्रतिशत पांच मिली प्रति किलोग्राम बीज की दर से उपचार करना चाहिए। दलहनी बीज का घड़ा विधि से उपचार
इसके लिए घड़े में थोड़ा बीज एवं आवश्यक अनुपात में शोधक डालते हैं। घड़े का दो तिहाई भाग भरकर घड़े के मुंह को बंद कर इतना घुमाते हैं कि शोधक अच्छी तरह मिल जाए। स्लरी विधि
इस विधि में शोधक के अनुशंसित मात्रा का गाढ़ा घोल बनाकर बीज के ढेर पर देकर उसे अच्छी तरह से मिला देते हैं। ताकि बीज पर शोधक की परत चढ़ जाए।