सीमांकन से अधिक नहीं करने दें बालू की निकासी

समाहरणालय के सभाकक्ष में शुक्रवार को जिलाधिकारी सतीश कुमार ¨सह ने खनन विभाग की समीक्षा बैठक की।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 17 Feb 2018 03:02 AM (IST) Updated:Sat, 17 Feb 2018 03:02 AM (IST)
सीमांकन से अधिक नहीं करने दें बालू की निकासी
सीमांकन से अधिक नहीं करने दें बालू की निकासी

अरवल। समाहरणालय के सभाकक्ष में शुक्रवार को जिलाधिकारी सतीश कुमार ¨सह ने खनन विभाग के कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि जिले में बालू घाट छपरा, रामपुर वैना, सोहसा, बेलांव आदि स्थानों से बालू की निकासी की जा रही है। उन्होंने बताया कि नए बालू घाट के लिए सोन नदी में 16 एवं पुनपुन नदी में नौ घाटों का प्रस्ताव भेजा गया है। डीएम ने जिला खनन पदाधिकारी को निर्देश देते हुए कहा कि सभी संचालित घाटों का अक्षांश, देशांतर के साथ-साथ सीमांकन करें। घाटों पर पीलर लगाकर खुदाई के स्थलों को चिन्हित भी करें। उन्होंने कहा कि सीमांकन से अधिक बालू की निकासी नहीं करने दी जाए। बालू की निकासी के समय जलीय पेड़, पानी का स्त्रोत, आबादी,मंदिर,श्मशान घाट आदि स्थलों से दूरी रखा जाए। बालू की ढूलाई ट्रैक्टर एवं ट्रक को ढंककर ही हो इसका ख्याल रखें। उन्होंने कहा कि पांच हेक्टेयर से अधिक का बालू घाट नहीं होना चाहिए। बालू की निकासी पुल से दो सौ मीटर के बाहर ही करने का आदेश है। दो बालू घाटों की दूरी पांच सौ मीटर होनी चाहिए। सभी घाटों को पेड़ पौधों से आच्छादित करना भी जरूरी है। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि सभी घाटों का भौतिक जांच कर प्रतिवेदन उपलब्ध कराएं। बालू घाट से परिवहन की रास्ता ठीक होना चाहिए। प्रतिबंधित क्षेत्र में बालू की निकासी नहीं होना चाहिए। डीएम ने खनन पदाधिकारी को निर्देश देते हुए आगे कहा कि सभी ईंट भट्ठों का सीमांकन करें एवं खाता खेसरा के साथ प्रतिवेदन दें। खेती योग्य मिट्टी का उपयोग ईंट के निर्माण में नहीें किया जाए। उन्होंने कहा कि उपजाउ मिट्टी कटने से अनाज के उत्पादन में कमी आएगी। जिससे बढ़ती हुई आबादी के लिए भविष्य में खाद्यान संकट उत्पन्न हो सकता है। उन्होंने कहा कि ईंट निर्माण के लिए बंजर भूमि का उपयोग हो। दो मीटर से अधिक मिट्टी की कटाई नहीं की जाए।उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि पांच सौ मीटर के बाहर ही ईंट भट्ठा का संचालन किया जाए। उन्होंने सभी ईंट भट्ठों का भौतिक सत्यापन करने का निर्देश देते हुए खनन पदाधिकारी को कहा कि इसके लिए संबंधित अंचलाधिकारी को निर्देशित करते हुए भौतिक सत्यापन करें तथा संयुक्त प्रतिवेदन दें। बैठक में सिविल सर्जन राजकुमार शर्मा, जिला परिवहन पदाधिकारी विकास कुमार, जनसंपर्क पदाधिकारी सत्येंद्र प्रसाद तथा खनन विभाग के सभी पदाधिकारी मौजूद थे।

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