मौसम में बदलाव से आम की फसल पर पड़ सकता है प्रतिकूल असर

बेहतर प्रबंधन व समुचित देखभाल से ही बेहतर पैदावार संभव कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक पैद

By JagranEdited By: Publish:Mon, 01 Mar 2021 11:48 PM (IST) Updated:Mon, 01 Mar 2021 11:48 PM (IST)
मौसम में बदलाव से आम की फसल पर पड़ सकता है प्रतिकूल असर
मौसम में बदलाव से आम की फसल पर पड़ सकता है प्रतिकूल असर

बेहतर प्रबंधन व समुचित देखभाल से ही बेहतर पैदावार संभव

कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक पैदावार बढ़ाने के लिए किसानों के बीचचलाएंगे जागरूकता

फोटो नंबर 01 एआरआर 44 व 45

संतोष कुमार झा, ताराबाड़ी(अररिया): समय से पूर्व ही मौसम में बदलाव हो चुका है। इसका प्रतिकूल असर आम के पैदावार पर पड़ सकता है। खासकर मंजर के समय तापमान में अचानक से वृद्धि होना पैदावार को प्रभावित कर सकता है। आम की बेहतर पैदावार लेने के लिए कृषि वैज्ञानिक आफताब आलम की खास बातचीत में बताया गया कि इस वर्ष मौसम में पूर्व की भांति काफी बदलाव दिख रहा है। ऐसे में आम की फसल प्रभावित होने की संभावनाएं देखी जा रही है। बताया कि वर्तमान समय में अधिकांश आम के बगीचे में मंजर निकल चुके हैं। साथ ही कुछ जगहों पर दाना भी दिखने लगे हैं। ऐसे मौसम में आम की अच्छी पैदावार लेने के लिए बगीचा स्वामी को कड़ी मेहनत के साथ- साथ देखभाल के अतिरिक्त समय का ख्याल रखते रासायनिक दवाइयों का समय-समय पर छिड़काव को आवश्यक बताते बताया कि परागण के समय बगीचे में अधिक सिचाई व जलजमाव फसल को हानि पहुंचा सकती है। बदलते मौसम में हल्की सिचाई तथा मंजर व आम के निकल रहे दाने को सुरक्षित रखने के लिए फंजिसाइड के रुप में कॉपर ऑक्सिक्लोराइड तीन ग्राम पर लीटर तथा इंसेक्टिसाइड के रूप में रोगर एक एमएल प्रति लीटर पानी के मिश्रण को बनाकर स्प्रे करने से काफी लाभदायक साबित हो सकता है। वहीं ऐसे पेड़ जिसमें मटर के समान आम के दाने निकल चुके हो उसमें नैथलिन एसिटिक एसिड पर चार से पांच लीटर पानी में एक एमएल का मिश्रण बनाकर स्प्रे करने से बेहतर फल होने की बात कही। साथ ही बताया कि बढ़ रहे तापमान के कारण फ्लावर स्टेज पर अधिक सिचाई व दवाइयों का प्रयोग हानिकारक हो सकता है। साथ ही परागण के समय अधिक सिचाई व दवाई स्प्रे करना फसल को प्रभावित कर सकती है। वैसे पेड़ जिसमें अब तक मंजर नहीं लगा हो उसमें फंगीसाइड के रूप में कॉपर ऑक्सिक्लोराइड तीन ग्राम पर लीटर तथा इंसेक्टिसाइड के रूप में रोगर पर लीटर पानी में एक एमएल का मिश्रण बनाकर स्प्रे करने से बेहतर फसल ली जा सकती है। आम के पेड़ में मंजर निकलने से पूर्व कॉपर सल्फेट एवं चूना का अलग-अलग घोल बनाकर पौधे पेड़ के जड़ से ऊपर तना वाली भाग में लेप लगाने से कई तरह के खतरनाक कीट से फल व फूल को सुरक्षित होने की जानकारी दी गई। साथी बगीचा स्वामी को जागरूक करते हुए बताया कि कृषि विज्ञान केंद्र में आम सहित अन्य फसल व फल-फूल से बचाव की हर दिन जानकारी व सुझाव देने की बात कही। वही किस्मत खवासपुर के किसान आशुतोष कुमार झा राहुल, पलासी के किसान कुंदन ठाकुर, शरणपुर के किसान पप्पू यादव, जमुआ के किसान प्रमोद झा, संतोष कुमार झा, अजय कुमार झा, जगन्नाथ मंडल, अर्जुन पाठक आदि ने बताया कि अधिकांश आम के पेड़ में अब तक मंजर नहीं निकले हैं तथा जिस पेड़ में समय पूर्व मंजर निकला है वैसे पेड़ से मंजर चुप कर काला रंग होकर जमीन पर गिर रहा है। तापमान में वृद्धि से कीट का भी अधिक प्रभाव देखा जा रहा है ऐसे में आम बगीचा मालिक ने जिला प्रशासन से कृषि वैज्ञानिक के माध्यम बेहतर प्रबंधन सुझाव की मांग की है।

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