मध्याह्न भोजन में हाजिरी की हेराफेरी,राशि का वारा-न्यारा

छातापुर पीएचसी प्रभारी द्वारा प्रसूता व उसके परिजनों के साथ कथित तौर पर किये गए अभद्रतापूर्ण व्यवहार को ले मामला तूल पकड़ता जा रहा है। मामले को ले जनअधिकार पार्टी (लो) के जिला उपाध्यक्ष सुभाष कुमार यादव ने सिविल सर्जन को पत्र प्रेषित कर सम्बंधित पीएचसी प्रभारी के विरुद्ध अनुशासनात्मक कारवाई की मांग की है। उन्होंने 4

By JagranEdited By: Publish:Fri, 13 Dec 2019 06:51 PM (IST) Updated:Sat, 14 Dec 2019 06:16 AM (IST)
मध्याह्न भोजन में हाजिरी की हेराफेरी,राशि का वारा-न्यारा
मध्याह्न भोजन में हाजिरी की हेराफेरी,राशि का वारा-न्यारा

जागरण संवाददाता, सुपौल: मध्याह्न भोजन योजना में गड़बड़ी थमने का नाम नहीं ले रहा है। योजना में बरती जा रही अनियमितता व मनमानी इस कदर हावी हो चुकी है कि बच्चों की उपस्थिति में हेराफेरी की बात तो दूर बच्चों को बिना एमडीएम खिलाए ही वापस घर भेजा जाता है। एक ऐसा ही मामला सदर प्रखंड स्थित प्राथमिक विद्यालय बेला दक्षिण में सामने आया है। जांचोपरांत योजना में बरती गई अनियमितता को लेकर जिला कार्यक्रम पदाधिकारी मध्याह्न भोजन योजना रजनीकांत प्रवीण ने दोषी प्रधान मुकेश चंद्र के विरुद्ध कार्यवाही करते हुए योजना मद की 61 हजार 900 रुपए 7 दिनों के अंदर वापस करने को कहा है। निर्धारित समय पर वापस नहीं करने पर उनके विरुद्ध कानूनी कार्यवाही की भी चेतावनी दी गई है। दरअसल 20 सितंबर 2019 को प्रखंड साधनसेवी मध्याह्न भोजन योजना सुपौल के द्वारा विद्यालय का अनुश्रवण किया गया था। अनुश्रवण के दौरान पाया कि विद्यालय में सिर्फ 15 बच्चे उपस्थित थे। मध्याह्न भोजन बंद था, मध्याह्न भोजन योजना का पोषाहार, अंडा, मौसमी फल आदि पंजी विद्यालय में उपलब्ध नहीं पाई गई। योजना में बरती गई अनियमितता के आलोक में प्रधान से स्पष्टीकरण की मांग की गई।

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स्पष्टीकरण के समीक्षा उपरांत की गई यह कार्यवाही

समीक्षा उपरांत स्पष्टीकरण स्वीकार योग्य नहीं पाया गया। प्रधान को भेजे आदेश में डीपीओ ने कहा है कि प्रधान द्वारा समर्पित स्पष्टीकरण के अवलोकन में पाया गया कि अनुश्रवण तिथि को और पंजी में 121 छात्रों की फर्जी उपस्थिति दर्ज कर मध्याह्न भोजन योजना से लाभान्वित दिखाया गया था। जबकि विद्यालय में भौतिक रूप से सिर्फ 15 बच्चे ही उपस्थित पाए गए। पोषाहार पंजी के अनुसार विगत सप्ताह में छात्रों की औसत उपस्थिति 112 छात्र प्रतिदिन पाया गया। विगत सप्ताह में पंजी अनुसार औसत उपस्थिति एवं निरीक्षण के दिन भौतिक उपस्थिति में 86.71 प्रतिशत का अंतर पाया गया। इससे साबित होता है कि प्रधान द्वारा मध्याह्न भोजन योजना संचालन में अनियमितता बरती गई है तथा मध्याह्न भोजन योजना के खाद्यान्न एवं राशि का दुरुपयोग कर गबन किया गया है। डीपीओ ने योजना मद की राशि वापस करने का आदेश देते हुए कहा है कि योजना के परिवर्तन मूल्य मद की राशि 30 हजार 926.14 रुपया, अंडा मौसमी फल मद में 5 हजार 789.69 रुपये एवं 25 हजार 183 रुपया 82 पैसा का गबन किया गया है। इस तरह कुल 61 हजार 900 रुपया का बैंक ड्राफ्ट जो बिहार राज्य मध्याह्न भोजन योजना समिति सुपौल के पक्ष में होगा। 1 सप्ताह के अंदर वापस करने को कहा है। निर्धारित समय तक राशि जमा नहीं करने की स्थिति में विभागीय कानूनी कार्यवाही की भी चेतावनी दी गई है।

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