अपने ही घर में रेणु जी जैसे महान हस्ती हैं बेगाने

अमरकथा शिल्पी फणीश्वरनाथ रेणु की जन्म शताब्दी के अवसर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए वरिष्ठ अधि

By JagranEdited By: Publish:Fri, 05 Mar 2021 12:05 AM (IST) Updated:Fri, 05 Mar 2021 12:05 AM (IST)
अपने ही घर में रेणु जी जैसे महान हस्ती हैं बेगाने
अपने ही घर में रेणु जी जैसे महान हस्ती हैं बेगाने

अमरकथा शिल्पी फणीश्वरनाथ रेणु की जन्म शताब्दी के अवसर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता सह पूर्व लोक अभियोजक के एन. विश्वास ने कहा कि रेणु जी की कृति और लेखनी की विश्व में चर्चा होती है लेकिन आज वे अपने घर में हीं बेगाने हो गए हैं। भले ही उनके जन्मस्थली औराही हिगना में जिला प्रशासन द्वारा छोटा सा कार्यक्रम आयोजित की गईत्र लेकिन जिला मुख्यालय में बना रेणु कुंज में उनकी जन्म शताब्दी जयंती के अवसर पर कोई कार्यक्रम को आयोजित नहीं किया जाना प्रशासनिक उदासीनता और रेणु को अपने ही घर में उपेक्षित करने जैसा है। जन्म शताब्दी जयंती पर कोई भी कार्यक्रम, बड़े राजनीतिज्ञ ,साहित्यकार, प्रशासनिक पदाधिकारियों और आमलोगों का जमावड़ा जिला मुख्यालय में न होना कथाशिल्पी रेणु को उपेक्षित करता प्रतीत होता है। विश्वास ने मांग की है कि रेणु जी की कालजयी रचनाओं का अंग्रेजी संस्करण का जर्मनी और रूस में प्रकाशन किया गया है, उसकी रॉयल्टी अब भी रेणु जी के स्वजनों को नहीं मिल पाया है। भारत सरकार को चाहिए कि रूस और जर्मनी से रॉयल्टी की राशि को लाकर रेणु जी के स्वजनों को सौंपे ताकि रेणु के परिजनों को आर्थिक मदद मिल सके। ------------------------------------------------------------अमरकथा शिल्पी फणीश्वरनाथ रेणु की जन्म शताब्दी के अवसर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता सह पूर्व लोक अभियोजक के एन. विश्वास ने कहा कि रेणु जी की कृति और लेखनी की विश्व में चर्चा होती है लेकिन आज वे अपने घर में हीं बेगाने हो गए हैं। भले ही उनके जन्मस्थली औराही हिगना में जिला प्रशासन द्वारा छोटा सा कार्यक्रम आयोजित की गईत्र लेकिन जिला मुख्यालय में बना रेणु कुंज में उनकी जन्म शताब्दी जयंती के अवसर पर कोई कार्यक्रम को आयोजित नहीं किया जाना प्रशासनिक उदासीनता और रेणु को अपने ही घर में उपेक्षित करने जैसा है। जन्म शताब्दी जयंती पर कोई भी कार्यक्रम, बड़े राजनीतिज्ञ ,साहित्यकार, प्रशासनिक पदाधिकारियों और आमलोगों का जमावड़ा जिला मुख्यालय में न होना कथाशिल्पी रेणु को उपेक्षित करता प्रतीत होता है। विश्वास ने मांग की है कि रेणु जी की कालजयी रचनाओं का अंग्रेजी संस्करण का जर्मनी और रूस में प्रकाशन किया गया है, उसकी रॉयल्टी अब भी रेणु जी के स्वजनों को नहीं मिल पाया है। भारत सरकार को चाहिए कि रूस और जर्मनी से रॉयल्टी की राशि को लाकर रेणु जी के स्वजनों को सौंपे ताकि रेणु के परिजनों को

chat bot
आपका साथी