नाराज शिक्षासेवक व तालिमी मरकज ने जलाया सीएम का पुतला
अररिया। पांच साल के बाद मात्र एक हजार रुपये मानदेय बढ़ाए जाने से नाराज शिक्षा सेवक और तालि
अररिया। पांच साल के बाद मात्र एक हजार रुपये मानदेय बढ़ाए जाने से नाराज शिक्षा सेवक और तालिमी मरकज संघ काफी आक्रोशित हैं। बिहार सरकार के खिलाफ आक्रोशित टोलासेवक और तालिमी मरकज ने बिहार सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। संघ के आह्वान पर जिला भर से आए सेवकों ने अररिया के नेताजी सुभाष स्टेडियम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार,उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी और शिक्षामंत्री का पुतला जलाया।
विदित हो की बिहार सरकार द्वारा सूबे में महादलित, दलित और अल्पसंख्यक अति पिछड़ा अक्षर आंचल चलाया जा रहा है। जिसमें महिला और कमजोर बच्चों को पढ़ाने के लिये सरकार ने मानदेय पर शिक्षा सेवक और शिक्षा सेवक तालिमी मरकज को बहाल कर रखा है। जिन्हें पिछले पांच वर्षों से बिहार सरकार मात्र दस हजार रुपया मानदेय दे रही है। संघ को यह उम्मीद थी की चुनावी वर्ष है ऐसे में हमलोगों का सम्मानजनक मानदेय बढ़ाया जाएगा। लेकिन सरकार ने जैसे ही यह घोषणा किया कि इनका मानदेय एक हजार बढाया जाएगा वो भी अप्रैल 2021 से। सरकार के इस लॉलीपॉप घोषणा के बाद शिक्षासेवक और तालिमी मरकज का गुस्सा फुट पड़ा। संघ के लोगों ने खुलेआम सरकार के मुखिया नीतीश कुमार का पुतला जलाया। संघ के लोगों ने पुतला जलाने से पहले नेता जी सुभाष स्टेडियम में बैठक की।
बैठक के बाद पुतला दहन कार्यक्रम में संघ के मु गालीब, शिवानंद, सुरेंद्र रजक, विनय रजक, मु. उमर, दुलारचंद ऋषिदेव, मोइन आलम, सुशील कुमार आदि मौजूद थे।