देवी गीत व मां के जयकारों से माहौल बना है भक्तिमय

अररिया। शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में शारदीय नवरात्र को लेकर चहल पहल शुरू हो गई है। पा

By JagranEdited By: Publish:Mon, 11 Oct 2021 08:08 PM (IST) Updated:Mon, 11 Oct 2021 08:08 PM (IST)
देवी गीत व मां के जयकारों से माहौल बना है भक्तिमय
देवी गीत व मां के जयकारों से माहौल बना है भक्तिमय

अररिया। शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में शारदीय नवरात्र को लेकर चहल पहल शुरू हो गई है। पांचवें दिन माता के पंचम स्वरूप स्कंदमाता तथा छठे स्वरूप माता कात्यायनी की पूजा बड़े हीं भक्तिभाव से की गईं। मंदिरों में मां का दर्शन करने के लिए श्रद्धालु सुबह से ही मंदिरों में पहुंचकर पूजा करने के लिए पहुंच जा रहे हैं। शहर के अररिया ठाकुरबाड़ी व मां खड्गेश्वरी मंदिर में शाम को मां की आरती करने के लिए भक्तों की भीड़ लंबी लग रही है। इस अवसर पर साधक नानू बाबा ने श्रद्धालुओं के साथ मां की पूजा अर्चना की।

मंदिरों में घंटा घड़ियाल गूंजने से माहौल पूरी तरह भक्तिमय बन गया। देवी गीत व मां के जयकारों से माहौल भक्तिमय बन गया है। नौ दिनों तक व्रत रखने वाले श्रद्धालु अपने घरों में दुर्गा चालीसा व सप्तशती का पाठ कर रहे हैं। पूजा सामग्री से दुकानें पट गई है। अररिया ठाकुरबाड़ी के पुजारी पंडित कृष्णकांत तिवारी ने बताया कि शारदीय नवरात्र के पांचवें दिन स्कंद माता व मां कात्यायनी की पूजा विधि विधान से हुई। रविवार शाम को छह बजे से सोमवार सुबह छह बजे तक पांचवी पूजा हुई। छह बजे के बाद से सोमवार को मां कात्यायनी की पूजा की गई। मंगलवार को पट खोल दिया जाएगा। वहीं ठाकुरबाड़ी मंदिर में मां भव्य पंडाल बनाया जा रहा है जो अंतिम चरण में है। पंडाल को लोग देखने के लिए अभी से पहुंच रहे हैं। ठाकुरबाड़ी में पूजा को सफल बनाने में रामजी भगत, प्रदीप तिवारी, अमर सिन्हा, बलराम भगत, विमल अग्रवाल, डा. गौतम मुखर्जी, जयप्रकाश जयसवाल, विष्णु कुमार, पवन राय, विवेक जायसवाल, नवीन कुमार, गौरव चंद्रवंशी, पंडिम भवानंद मिश्र, पंडित झूला झा आदि सक्रिय रूप से लगे हुए है।

संसू सिकटी के अनुसार सीमावर्ती प्रखंड क्षेत्र में शारदीय नवरात्र के पांचवें दिन माता के पंचम स्वरूप स्कंदमाता तथा छठे स्वरूप माता कात्यायनी की पूजा बड़े हीं भक्तिभाव से की गईं। भगवान शंकर और माता पार्वती के पहले पुत्र कार्तिकेय का एक नाम स्कंद है, इसलिए मां के इस रूप को स्कंदमाता कहा जाता है। संतान प्राप्ति के लिए मां स्कंदमाता की पूजा अर्चना को लाभकारी माना गया है।

-स्वरूप: स्कंदमाता की चार भुजाएं हैं और इनकी गोद में भगवान स्कंद यानी कार्तिकेय बालरूप में विराजमान हैं। एक हाथ में कमल का फूल है, बाईं ओर की ऊपर वाली भुजा वर मुद्रा है और नीचे दूसरा श्वेत कमल का फूल है। सिंह इनका वाहन है। हमेशा कमल के आसन पर स्थित रहने के कारण इन्हें पद्मासना भी कहा जाता है। स्कंदमाता की पूजा करने से ज्ञान में भी वृद्धि होती है इसलिए इन्हें विद्यावाहिनी दुर्गादेवी भी कहते हैं।

संवाद सूत्र, फुलकाहा के अनुसारशारदीय नवरात्र की सोमवार को मां दुर्गा के छठे स्वरूप देवी कात्यायनी की पूजा हुई। ज्यों-ज्यों अब अष्टमी नजदीक आ रही है, उसी अनुसार नरपतगंज प्रखंड क्षेत्र के फुलकाहा, सोनापुर, मिरदौल, सुरसर, भोड़हर, घुरना, बसमतिया के मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ भी बढ़ती जा रही है। कुछ श्रद्धालु नवरात्र के अंतिम दो दिन व्रत रखते हैं और कुछ दंपती जोड़ों के रूप में व्रत रखते हैं। चूंकि अब नवरात्र महोत्सव अंतिम दौर में है इसलिए श्रद्धालुओं की संख्या भी बढ़ रही है। मंदिरों में जोर से बोलो जय माता दी, सारे बोलो जय माता दी का जयघोष होता रहा। कुछ मंदिरों में मां दुर्गा का जाप और दुर्गा सप्तशती का पाठ भी चल रहा है। फुलकाहा वैष्णवी दुर्गा माता मंदिर के पुजारी मनोज झा के अनुसार शास्त्रों में वर्णन है कि महर्षि कात्यायन के यहां पुत्री रूप में जन्म लेने के कारण मां दुर्गा के छठे रूप का नाम कात्यायनी पड़ा। महर्षि कात्यायन ने मां जगदंबा से पुत्री की कामना की थी। इसीलिए उनका नाम कात्यायानी रखा गया। देवी कात्यायनी ब्रजभूमि की अधिष्ठात्री देवी के रूप में भी प्रतिष्ठित हैं, पलवल चूंकि ब्रज क्षेत्र का हिस्सा है, इसलिए भी इस देवी की यहां के मंदिरों में खास पूजा महत्व है। कहते हैं कि ब्रज की गोपियों ने भगवान कृष्ण को पति के रूप में पाने के लिए यमुना के तट पर इन्हीं मां कात्यायनी की पूजा की थी। इनके पूजन में मधु अर्थात शहद का विशेष महत्व बताया गया है, इसलिए श्रद्धालुओं के हाथों में पूजा के सामान में शहद भी दिखाई दिया। फुलकाहा थाना क्षेत्र के काजल कुमारी,शिवानी कुमारी, रुचि कुमारी, पिकी कुमारी, वर्षा कुमारी, अन्नू कुमारी आदि ने कहा की मैने देवी कात्यायनी की पूजा की और परिवार की सुख समृद्धि की कामना की मां कात्यायनी को ब्रज क्षेत्र की अधिष्ठात्री देवी भी कहा जाता है।

संसू, रेणुग्राम के अनुसार शारदीय नवरात्र में पराशक्ति की प्रतीक देवी दुर्गा के पांचवें स्वरूप मां स्कंदमाता व छठे स्वरुप भगवती कात्यायनी की सोमवार को श्रद्धा पूर्वक पूजा अर्चना की गई। पूजा पंडाल एवं मंदिर में स्थापित देवी भगवती की प्रतिमा को भक्तगण असीम श्रद्धाभाव से सजाने में लगे है। मंदिरों के सजावट, साफ सफाई सहित पंडाल निर्माण कार्य को भी पूरा किया जा रहा है। खवासपुर दुर्गा मंदिर,मधुबनी दुर्गा स्थान आदि जगहों पर अहले सुबह से पूजा पाठ, आरती प्रार्थना को लेकर श्रद्धालु पहुंचने लगे। जिनमें महिलाओं व बच्चों की अधिक उपस्थिति रही।

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रामकृष्ण सेवा आश्रम में जरूरतमंदों के बीच बस्त्र वितरित

अररिया। रामकृष्ण सेवा आश्रम में सोमवार को जरूरतमंदों के बीच वस्त्र का वितरण किया गया। इस संबंध में संजय प्रधान ने बताया कि वस्त्र वितरण में एसडीपीओ पुष्कर कुमार, आश्रम के स्वामी विजयानंद महराज, स्वामी अखिलानंद महराज, स्वामी शैल सुता नंद महाराज, स्वामी स्वरूपानंद महाराज व ब्रह्मचारी भूतात्मचैतन्य ने अपने हाथों से जरूतमंदों को नया वस्त्र दिया।

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