छठे दिन भक्तिभाव से हुई मां कात्यायनी की पूजा

अररिया। जिले में शारदीय नवरात्र से चहल-पहल बढ़ गई है। लोग मां के दरबार में जाकर मत्था

By JagranEdited By: Publish:Fri, 23 Oct 2020 12:01 AM (IST) Updated:Fri, 23 Oct 2020 12:01 AM (IST)
छठे दिन भक्तिभाव से हुई मां कात्यायनी की पूजा
छठे दिन भक्तिभाव से हुई मां कात्यायनी की पूजा

अररिया। जिले में शारदीय नवरात्र से चहल-पहल बढ़ गई है। लोग मां के दरबार में जाकर मत्था टेक रहे हैं। मनोकामना पूरी होने के लिए मां से मन्नतें मांग रहे हैं। गुरुवार को शारदीय नवरात्र के छठें स्वरूप मां भगवती कात्यायनी की आराधना की गई। मंदिरों में मां का दर्शन करने के लिए भक्तों की भीड़ लग गई। श्रद्धालुओं ने मां की आरती उतारी तथा पुष्पांजलि की। नौ दिनों तक व्रत रखने वाले श्रद्धालु अपने घरों में दुर्गा पाठ व सप्तशती का पाठ कर रहे हैं। मंदिरों में लोग कोरोना के डर से भीड़ से बचने की कोशिश कर रहे हैं। जो लोग जा रहे है वे शारीरिक दूरी व गाइड लाइन के अनुसार ही मां का दर्शन कर रहे हैं। मां के जयकारे से माहौल पूरी तरह भक्तिमय बन गया। शहर के मां खड्गेश्वरी मंदिर में दर्शन के लिए लोगों की भीड़ जमी रही। वहीं शाम के वक्त मां के दरबार में पुष्पांजलि के समय काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते है पुष्पांजलि के बाद प्रसाद का वितरण किया जाता है। ग्रामीण क्षेत्रों में भी पूजा को लेकर माहौल भक्तिमय बन गया है। चारों तरफ मां का भजन चल रहा है। वहीं

मां अंबे की प्रतिमा को कलाकार अंतिम रूप देने में लगे हुए है। सजावट आदि का कार्य जोरशोर से चल रहा है। मां का दर्शन करने वालों से सावधानी बरतने व मास्क लगाकर ही प्रवेश करने के लिए अपील पूजा समिति के लोग कर रहे हैं। किसी प्रकार की गड़बड़ी न हो इसके लिए प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद रहेगा। रोग व भय नाश की कामना से भक्तों ने की पूजा संसू, फारबिसगंज (अररिया): नवरात्र के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है। देवी मां के छठे स्वरूप को कात्यायनी नाम से पुकारा जाता है। मां कात्यायनी को दानवों और पापी जीव धारियों का नाश करने वाली देवी कहा जाता है।

मान्यता के अनुसार इनकी उपासना से संपूर्ण रोगों एवं भय का नाश होता है। महिषासुर राक्षस का वध करने के कारण इनका एक नाम महिषासुर मर्दिनी भी है। फलदायिनी और संहारिणी हैं रूप मां कात्यायनी को सबसे फलदायी माना जाता है, लेकिन साथ ही ये दानवों, असुरों और पापी जीवधारियों का नाश करने वाली देवी भी कहलाती हैं।

शारदीय नवरात्र के छठे दिन गुरुवार को शहर के विभिन्न पूजा स्थलों सहित मंदिरों में माता के छठे स्वरूप माता कात्यानी की पूजा अर्चना की गई,भक्तो ने मां के इस स्वरूप की पूजा कर संपूर्ण रोग एवं भय का नाश की कामना की।

रेणुग्राम : शारदीय नवरात्र में पराशक्ति की प्रतीक देवी दुर्गा के छठे स्वरूप भगवती कत्यायनी की श्रद्धा भक्ति के साथ गुरुवार को पूजा अर्चना की गई। इस पूजा अर्चना एवं साधना के साथ ही गांव, कस्बे व शहर में भक्ति का रंग चढ़ने लगा है। मंदिरों व पूजा स्थलों पर श्रद्धालुओं की भीड़ लगनी शुरू हो गई है। लोग शुक्रवार को होने वाले महा सप्तमी की तैयारी में जूट गये है़। क्षेत्र के विभिन्न गांवों में दुर्गा पूजा का रंग चढ़ चुका है। बाजारों में भी पूजा के मद्देनजर चहल-पहल तेज है तथा पूजा की तैयारी को अंतिम रूप दिया जा रहा है। हाट बाजारों में फल एवं पूजन सामग्री की दुकानें सजने लगी है। जगह जगह मंदिरों में पूजा पंडालों का निर्माण तथा मां अंबे की प्रतिमा की प्रतिमा के साज -सज्जा को अंतिम रूप देने में शिल्पकार जुटे है। खवासपुर में मां दुर्गा का दरबार सजाया जा रहा है वही प्रसिद्ध मधुबनी के दुर्गा मंदिर में भगवती के विशाल पंडाल की छटा निखारने के प्रयास किये जा रहे है़। वही सिमराहा, कॉलोनी, मिर्जापुर, गोलाबाड़ी, पोठिया, कूड़वा लक्ष्मीपुर, अम्हारा,रमई आदि जगहों के साथ साथ फारबिसगंज में पूजा को लेकर व्यापक उत्साह है।

संसू सिकटी के अनुसार सिकटी प्रखंड क्षेत्र में छठे दिन माता कात्यायनी की पूजा विधि -विधान के साथ संपन्न हुआ। माता के भक्तों द्वारा देवी मंदिरों तथा अपने घरों में विधि विधान से मां दुर्गे के छठे स्वरूप माता कात्यायनी की पूजा अर्चना गुरुवार को की गई। पंडित ज्ञानमोहन मिश्र ने बताया कि नवरात्र में माता कात्यायनी की पूजा अर्चना करने से सुख समृद्धि के साथ शक्ति का भी संचार होता है ।

chat bot
आपका साथी