लगन से कामयाबी हासिल कर दूसरों के लिए प्रेरणा स्रोत बनीं अनीता

अररिया। रेणु की धरती पर कई अनमोल रतन मिलेंगे जो अपनी हिम्मत लगन और संघर्ष के बल पर ए

By JagranEdited By: Publish:Fri, 23 Oct 2020 12:00 AM (IST) Updated:Fri, 23 Oct 2020 12:00 AM (IST)
लगन से कामयाबी हासिल कर दूसरों के लिए प्रेरणा स्रोत बनीं अनीता
लगन से कामयाबी हासिल कर दूसरों के लिए प्रेरणा स्रोत बनीं अनीता

अररिया। रेणु की धरती पर कई अनमोल रतन मिलेंगे, जो अपनी हिम्मत, लगन और संघर्ष के बल पर एक अलग पहचाना बनाने के रास्ते खुद बनाये। फारबिसगंज प्रखंड के ग्रामीण इलाके से आने बाली अनीता देवी की आज अपनी पहचान है। गांव में पली-बढ़ी फारबिसगंज प्रखंड की मुशहरी पंचायत निवासी अनीता देवी घूंघट प्रथा से बाहर निकल कर खेती किसानी में आगे बढ़ कर हिस्सा लिया जिसमें वह आज कामयाबी के शिखर पर है। साधारण किसान परिवार से ताल्लुक रखने बाली अनीता देवी खेतों में हल चलाना हो या फिर फसलों में दवाई का छिड़काव हो या पशुपालन का कार्य हो सब में निपुण है। इसी की बदौलत आज आदर्श किसान के रूप में चर्चित है। उन्नत व वैज्ञानिक किस्म की परंपरागत खेती के अलावा सब्जी की खेती कर वे अपनी आय को भी दुगुना कर रही है। इतना ही नहीं इसके साथ साथ वे अपने आसपास के क्षेत्रों के महिलाओं को खेती की बारीकी का गुर दे रही है तथा आगे बढ़ने के लिए लगातार प्रेरित करने में जुटी है। किसानी कार्य में सहयोग करने वाले इनके पति दिलीप मेहता बताते है कि उनकी पत्नी इस वर्ष नई उन्नत किस्म की धान की फसल लगाई थी जिसकी अच्छी उपज भी आयी है। खेती किसानी कार्य के अलावा अनिता देवी अब जल संचयन को लेकर सक्रिय है। वह बताती हैं कि इसके लिए वे घर के समीप तालाब भी खुदवा रही है़। जल्द ही इस पर कार्य शुरू किया जायेगा। उन्होंने बताया कि पानी की बर्बादी रुके इसके लिए गांव के अन्य महिलाओं को भी इस विषय में जागरूक कर रही है। वे बताती है कि आज आधुनिक युग है महिलाओं को सामान अधिकार प्राप्त है़ ऐसे में हर विधा में उनका योगदान अहम होता है इससे महिलाए आत्मनिर्भर होती है। पिछले एक दशक से खेती किसानी कार्य में जुटी अनिता देवी की पहचान राष्ट्रीय स्तर पर है। वे बताती है़ कि पिछले वर्ष अक्टूबर में आदर्श महिला किसान के रूप में चयनित होने पर केंद्रीय कृषि मंत्रालय द्वारा सम्मानित किया गया था तथा दूरदर्शन के डाक्यूमेंट्री में भी भाग लिया। इसके अलावा सब्जी की खेती का प्रशिक्षण कृषि विज्ञान केंद्र अररिया से प्राप्त कर चुकी है। वही नारियल विकास बोर्ड में भी प्रशिक्षण पा चुकी है।

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